भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को विधानसभा में प्रदेश में कोरोना की स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश में कोरोना के विरूद्ध जंग में युद्ध स्तर पर कार्य हुआ है, जिसके फलस्वरूप आज की तारीख में मध्यप्रदेश में कोविड संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की दर 77.30 हो गयी है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 1 मई को यह दर मात्र 19.03 थी। प्रदेश में 23 मार्च 2020 को टेस्टिंग क्षमता मात्र 300 टेस्ट प्रतिदिन थी, इसमें से सिर्फ 60 टेस्ट रोजाना हो पाते थे। अब प्रदेश की टेस्टिंग क्षमता 29 हजार 780 टेस्ट प्रतिदिन है। यहीं नही 3 लैब से बढ़कर हम 78 क्रियाशील लैब स्थापित कर चुके हैं। प्रदेश में 852 फीवर क्लीनिक कार्य कर रहे हैं। फीवर क्लीनिक में सैम्पल कलेक्शन की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कोरोना के विरूद्ध निणार्यक जंग में विपक्ष के सहयोग की भी अपेक्षा की। चौहान ने कहा कि हम सब मिलकर इस महामारी से लड़ें और इसे परास्त करें। वैसे तो मध्यप्रदेश की स्थिति भारत के कई राज्यों से बेहतर है, फिर भी सभी से अपेक्षा है कि सावधानियों का पालन करें, सतर्क रहें, घरों से बहुत आवश्यक कार्य पर ही बाहर निकलें और प्रोटोकॉल के पालन में सरकार का सहयोग करें। मुख्यमंत्री कोविड योद्धा कल्याण योजना में 20 प्रकरणों में योद्धाओं के परिवारों को आर्थिक सहायता राशि दी गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लॉकडाउन से लेकर अनलॉक के पिछले 6 माह में संक्रमण को काफी हद तक नियंत्रित करने में सफलता मिली है। प्रदेश में इस समय करीब 22 हजार एक्टिव केस हैं, जो कुल प्रकरणों का 20 प्रतिशत है। इन प्रकरणों के लिहाज से मध्यप्रदेश देश में 16वें स्थान पर है। प्रदेश की स्थिति में निरंतर सुधार हुआ है। अस्पतालों में बिस्तर क्षमता भी बढ़ाई गयी। सामान्य बैड जो 2428 थे, अब 24 हजार 560 हैं। इसी तरह आईसीयू और आईसोलेशन बैड भी बढ़े हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वे गत 6 माह से प्रतिदिन कोराना नियंत्रण की समीक्षा कर रहे हैं।
चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में 20 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति महाराष्ट्र से है। प्रदेश में 50 टन ऑक्सीजन उपलब्ध थी, जिसे बढ़ाकर 120 टन किया गया है। यह क्षमता 30 सितम्बर तक 150 टन हो जायेगी। भारत सरकार के सहयोग से प्रतिदिन 50 टन अतिरिक्त ऑक्सीजन उपलब्ध हुई है। होशंगाबाद जिले में 200 टन क्षमता का ऑक्सीजन संयंत्र लगाने की कार्यवाही प्रारंभ की गई है।
उन्होंने बताया कि जन-जागरूकता के लिये प्रदेश में जुलाई और अगस्त माह में ‘किल-कोरोना’ महाअभियान दो चरणों में चलाया गया। इसके पश्चात ‘सहयोग से सुरक्षा’ अभियान शुरू किया गया, जिसके अंतर्गत 1. सुरक्षा उपायों को बढ़ावा देने, 2. परिवर्तित व्यवहार को स्थायी बनाने, 3. भ्रामक जानकारी का खण्डन करने, 4. जनसहयोग प्राप्त करने और 5. संक्रमित व्यक्ति को भेदभाव से बचाने के पाँच मंत्रों को अपनाकर उन पर अमल किया जा रहा है। पूरे प्रदेश में ‘एक मास्क-अनेक जिंदगी अभियान’ में मास्क वितरण का कार्य किया जाता है। प्रदेश के करीब 53 प्रतिशत रोगी घरों में होम आइसोलेशन के अंतर्गत उपचार ले रहें हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर में 27 अगस्त 2020 को 237 करोड़ लागत से 402 बिस्तर क्षमता का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का लोकार्पण किया गया है। वैकल्पिक चिकित्सा का उपयोग करते हुए, करीब 4 करोड़ लोगों तक आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी दवाओं के साथ ही आयुर्वेदिक काढ़ा पहुँचाने का कार्य किया गया है। चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की इस पहल की केन्द्र सरकार ने भी सराहना की है। प्रदेश में 362 आयुष वैलनेस सेंटर और 45 नये आयुष ग्रामों को मंजूरी दी गयी है। आर्थिक गतिविधियों और आगामी त्यौहारों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने समय-समय पर गाइड लाइन जारी की हैं। परस्पर दूरी रखने, मास्क के उपयोग और बार-बार साबुन से हाथ धोने की सलाह लोगों को विभिन्न माध्यमों से निरंतर दी जा रही है, ताकि संक्रमण को पूरी तरह रोका जा सके।