इन्दौर। पहले आरटीपीसीआर टेस्ट ही करवाए जा रहे थे, जिनकी रिपोर्ट 2 से 3 दिन में मेडिकल कॉलेज की लैब से मिलती थी, मगर अब उसकी संख्या घटाकर रैपिड एंटीजन टेस्ट की संख्या बढ़ा दी है, जिससके परिणाम स्वरूप फटाफट कोरोना मरीज मिलने लगे हैं। 50 हजार से अधिक एंटीजन टेस्ट हो चुके हैं, जिनमें 1 हजार से ज्यादा पॉजिटिव सामने आए। लगातार इसकी किट मंगवाना पड़ रही है, क्योंकि फीवर क्लीनिकों का समय बढ़ाने के चलते वहां भी एंटीजन टेस्ट ज्यादा होने लगे हैं। आज सुबह एयरपोर्ट पर भी यात्रियों की टेस्टिंग एंटीजन से ही की गई।
अब धीरे-धीरे रैपिड टेस्ट ही ज्यादा सरकारें करवाने जा रही है। दिल्ली सहित सभी बड़े शहरों में जहां कोरोना मरीजों की संख्या ज्यादा है वहां आरटीपीसीआर की बजाय एंटीजन टेस्ट ही अधिक हो रहे हैं। हालांकि आरटीपीसीआर की तुलना में एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट कम प्रामाणिक मानी जाती है, लेकिन फटाफट जांच के लिए यह कारगर तरीका भी साबित हो रहा है, जिससे कोरोना मरीजों की जल्द पहचान और उनका इलाज व आइसोलेशन की प्रक्रिया में समय नहीं लगता। मेडिकल कॉलेज लैब की क्षमता डेढ़ से दो हजार क्षमता की है, लेकिन अभी औसतन हजार सेम्पल ही जांच के लिए जा रहे हैं और दो हजार से ज्यादा एंटीजन टेस्ट किए जा रहे हैं। 24 घंटे में 2 हजार 517 टेस्ट की रिपोर्ट के बाद 419 पॉजिटिव मिले हैं। एंटीजन टेस्ट के प्रभारी डॉ. अमित मालाकर के मुताबिक फीवर क्लीनिकों का समय बढ़ा दिया है, जिसके चलते वहां भी ये टेस्ट बढ़ गए हैं। बीते कुछ दिनों से एंटीजन टेस्ट शुरू किए गए और अभी तक 50 हजार से ज्यादा ये टेस्ट किए जा चुके हैं, जिसके जरिए लगभग एक हजार पॉजिटिव मरीज मिले और उनका अस्पताल, होम आइसोलेशन में इलाज भी शुरू करवा दिया। इसके लिए किट भोपाल से लगातार बुलवाई जा रही है। हाथों हाथ सेम्पल लेकर पॉजिटिव-नेगेटिव रिपोर्ट मिल जाती है, जिससे लोगों को अधिक समय तक इंतजार नहीं करना पड़ता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved