काठमांडू। सीमा विवाद के बीच भारत ने नेपाल को दो आधुनिक रेलगाड़ियां सौंपी हैं, जो दिसंबर के मध्य से बिहार के जयनगर और धनुषा जिले के कुर्था के बीच चलेंगी। इस हिमालयी राष्ट्र में यह पहली बड़ी लाइन (ब्रॉड गेज) की रेल सेवा होगी। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। कोंकण रेलवे ने शुक्रवार को जयनगर-कुर्था बड़ी लाइन के लिए नेपाल रेलवे को दो आधुनिक डीजल-इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (डीएमयूसी) रेलगाड़ियों को सौंपा।
इन ट्रेनों का निर्माण एकीकृत रेल डिब्बा कारखाना, चेन्नई द्वारा आधुनिक सुविधाओं और नवीनतम एसी-एसी प्रणोदन तकनीक के जरिये किया गया है। शुक्रवार को भारत से रेलगाड़ियों के नेपाल में पहुंचने पर विभिन्न स्थानों पर भारतीय तकनीशियनों और नेपाल रेलवे कर्मचारियों का स्वागत किया गया। कोरोना वायरस महामारी के बावजूद नई रेलगाड़ियों को देखने के लिए हजारों लोग इकट्ठा हुए।
नेपाल में कोविड-19 के 60,000 से अधिक मामले हैं, जबकि 390 लोगों की मौत हो चुकी है। भारतीय दूतावास के सूत्रों के अनुसार, कुर्था से जयनगर तक का ट्रेन परिचालन दोनों देशों के नागरिकों को लाभान्वित करेगा, जो 35 किलोमीटर की दूरी को कवर करेगा। नेपाल रेलवे कंपनी के महानिदेशक गुरु भट्टाराई के अनुसार, बड़ी लाइन की पटरियों पर नई ट्रेनों का ट्रायल परिचालन शुक्रवार से शुरू हुआ, जिसका निर्माण पिछले साल पूरा हो गया था।
हालांकि वरिष्ठ संभागीय अभियंता देवेंद्र शाह के मुताबिक, कोविड-19 महामारी के कारण सीमा के जल्द खुलने की संभावना नहीं है, इसलिए ट्रेन सेवाएं तुरंत शुरू नहीं होंगी और ट्रेनों को रखरखाव और सुरक्षा के लिए जयनगर में नेपाल रेलवे स्टेशन पर खड़ा किया जाएगा। नेपाल रेलवे कंपनी के अभियंता बिनोद ओझा ने कहा, ‘दिसंबर के मध्य में राम-जानकी विवाह महोत्सव के आसपास ट्रेनों के नियमित संचालन शुरू होने की उम्मीद है।’
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