• img-fluid

    पाक की राजनीति में तूफान की आहटः इमरान के दुश्मन हुए एकजुट, बिलावल की रैली में हिस्सा लेंगे नवाज

  • September 19, 2020

    पेशावरः पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के खिलाफ बगावत के सुर तेज और दुश्मन एकजुट हो रहे हैं । विपक्ष का एकजुट होना पाक की राजनीति में किसी बड़े तूफान का संकेत दे रहा है। जानकारी के अनुसार पाकिस्तान में विपक्षी नेता कल रविवार को ऑल पार्टी कॉन्फ्रेंस (एपीसी) करने जा रहे हैं। खास बात ये है कि इसमें पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल होंगे। नवाज तीन महीने से लंदन में इलाज करा रहे हैं। पाकिस्तान की एक कोर्ट ने उन्हें देश वापस लाने के लिए अरेस्ट वॉरन्ट जारी किया है। आर्थिक और घरेलू मुद्दों पर घिरी इमरान खान सरकार की इस कॉन्फ्रेंस मुश्किलें बढ़ सकती हैं। विपक्ष इस रैली में प्रधानमंत्री इमरान से इस्तीफे की मांग करेगा।

    बता दें कि इमरान सरकार विपक्ष के हर बड़े नेता के खिलाफ कोई न कोई मामला दर्ज कर चुकी है। ज्यादातर मामले भ्रष्टाचार से जुड़े हैं। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी मई से ही सभी नेताओं को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कई बार नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज से मुलाकात की है। एक और विपक्षी नेता मौलाना फजल-उर-रहमान भी बिलावल और नवाज के साथ हैं। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नवाज शरीफ इस रैली को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लंदन से संबोधित करेंगे। बिलावल ने शुक्रवार को नवाज से फोन पर बातचीत की। इसके बाद वे मरियम से भी मिलने पहुंचे। मौलाना रहमान से भी उनकी मुलाकात की खबर है। यह कॉन्फ्रेंस रविवार को होगी।

    बिलावल ने ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी। इसके बाद मरियम ने बिलावल को पिता की सेहत के लिए फिक्रमंद होने और इसकी जानकारी लेने के लिए शुक्रिया अदा किया। कल होने वाली कॉन्फ्रेंस का एजेंडा तय है। सरकार से इस्तीफे की मांग होगी। साथ ही नए चुनाव कराने की मांग भी की जाएगी। बिलावल का रुख इमरान को लेकर बेहद सख्त है। वे इमरान को हमेशा ‘इलेक्टेड नहीं, सिलेक्टेड प्राइम मिनिस्टर’ कहते हैं। यह सीधा आर्मी पर तंज है। दरअसल, पाकिस्तान और दुनिया का मीडिया कई बार यह साफ कर चुका है कि इमरान को चुनाव जिताने में फौज का अहम रोल है और इसके लिए बड़े पैमाने पर धांधली की गई।

    अक्टूबर में फाइनेंशियल टास्क फोर्स की मीटिंग होनी है। इसमें यह तय होगा कि पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर आएगा या फिर उसे ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। इमरान सरकार दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए इसी हफ्ते तीन बिल लाई। ये पास तो हो गए लेकिन विपक्ष ने साथ नहीं दिया। इनके जरिए टेरर फाइनेंसिंग पर रोक लगाने का वादा किया गया है। लेकिन, ये पहली बार नहीं है। पिछले साल भी पाकिस्तान ने ऐसे ही दो बिल पास किए थे। इनसे एफएटीएफ संतुष्ट नहीं था।

    Share:

    सिंधिया- शिवराज को कमलनाथ ने घेरा, कहा- बदली परिस्थिति में ग्वालियर-चंबल का विकास प्राथमिकता 

    Sat Sep 19 , 2020
    ग्वालियर। मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ दो दिनों के ग्वालियर दौरे पर हैं। वे दमखम के साथ अपने प्रत्याशियों का प्रचार कर रहे हैं। शनिवार को कमलनाथ ने ग्वालियर में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिए बगैर उन्हें जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि ग्वालियर -चंबल की राजनीति […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved