चंडीगढ़। लोकसभा में पेश हुए कृषि बिलों को लेकर हंगामा मच गया है। पंजाब के किसानों के अलावा सूबे की कई राजनीतिक पार्टियों ने भी बिल का विरोध किया है। अकाली दल की नेता और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने तो केंद्रीय मंत्रिमडंल से इस्तीफा भी दे दिया। हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा लाए गए इस बिल का विरोध करने वाली पार्टियां आपस में भी एक-दूसरे के खिलाफ बयान देने में लगी हैं। कौर के इस्तीफे को जहां कांग्रेस ने नाटक करार दिया है, वहीं कांग्रेस और अकाली दल दोनों के ही विरोध पर आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने निशाना साधा है।
मान ने संसद में बहस के दौरान तो अकाली दल और कांग्रेस को निशाने पर लिया ही, साथ ही ट्वीट करके भी दोनों दलों के नेताओं पर हमला बोला है। उन्होंने बिल का विरोध करने पर दोनों दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा, ‘अकाली दल और कांग्रेस ने खेती अध्यादेशों पर यू-टर्न लेकर रंग बदलने में गिरगिटों को भी शर्मिंदा कर दिया है।’ वहीं, आम आदमी पार्टी ने बिल का विरोध करने वाले दोनों ही दलों (अकाली-कांग्रेस) को ऐंटी-फार्मर करार दिया है। अपने एक ट्वीट में पार्टी ने एक पोस्टर साझा किया है।
कांग्रेस-अकाली पर आरोप
पोस्टर के जरिए ‘आप’ ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की कांग्रेसनीत कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने केंद्र सरकार के साथ साल 2019 में एक हाई पॉवर मीटिंग में अध्यादेश को मंजूरी दी थी। वहीं अकाली दल की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने तब इस ऑर्डिनेंस को अप्रूव किया था, जब कैबिनेट में इसे लेकर आया गया था। पार्टी ने कहा कि अकाली और कांग्रेस ही वह कारण हैं, जिसकी वजह से भारत के किसान प्रोटेस्ट कर रहे हैं।
मोदी ने दिया आश्वासन
बता दें कि गुरुवार को लोकसभा में खेती से संबंधित बिलों का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे बहुमत के साथ पास करा लिया गया। इन अध्यादेशों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को आश्वस्त किया है कि इससे उन्हें लाभ होगा। उन्होंने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि ये विधेयक सही मायने में किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्त करेंगे। इस कृषि सुधार से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए-नए अवसर मिलेंगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। मोदी ने बिलों के विरोध को लेकर कहा कि किसानों को भ्रमित करने में बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं। उन्होंने किसानों को इससे बचने की सलाह दी।
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