लखनऊ। कृषि से संबंधित विधेयकों को लेकर विपक्षी दल केन्द्र सरकार पर हमलावार बने हुए हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा है और इसे खेती को अमीरों के हाथों गिरवी रखने वाला शोषणकारी विधेयक करार दिया है।
अखिलेश ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि भाजपा सरकार खेती को अमीरों के हाथों गिरवी रखने के लिए शोषणकारी विधेयक लाई है। ये खेतों की मेड़ तोड़ने का षड्यंत्र है और साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने वाली मंडियों के धीरे-धीरे खात्मे का भी। भविष्य में किसानों की उपज का उचित दाम भी छिन जाएगा और वह अपनी ही जमीन पर मजदूर बन जाएंगे।
वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि एक तो किसानों की आत्महत्या जारी है, ऊपर से यह कृषि संशोधन विधेयक किसानों की बर्बादी की गारंटी है। सरकार की इस विधेयक के बहाने पूंजीवादी व्यवस्था लाने की काली चाल है। सरकार एमएसपी व्यवस्था को खत्म करने को कानूनी व्यवस्था करना चाहती है। उन्होंने कहा कि हम किसानों के साथ है,लड़ाई आखिरी दम तक लड़ेंगे
इससे पहले बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने भी केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि संसद में किसानों से जुड़े दो बिल, उनकी सभी शंकाओं को दूर किये बिना ही, कल पास कर दिये गये हैं। उससे बसपा कतई भी सहमत नहीं है। मायावती ने कहा कि पूरे देश का किसान क्या चाहता है? इस ओर केन्द्र सरकार जरूर ध्यान दे तो यह बेहतर होगा।
वहीं प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री व सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश की भाजपा सरकार पूंजीपतियों के लिए काम कर रही है। मैं पिछड़ो, दलितों, किसानों, मजदूरों, नौजवानों, व्यापारियों के हक अधिकार मान सम्मान न्याय के लिए आवाज बुलंद करता रहा। लेकिन, इस जन विरोधी सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी, अब भाजपा सरकार के जाने का संकेत आने लगा है। (एजेंसी, हि.स.)
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