भोपाल। प्रदेश में 27 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हैं। दोनों दलों के नेता एक दूसरे पर जमकर आरोप प्रत्यारोप कर रहे हैं। इस विधानसभा के सत्र को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ द्वारा एक दिन का विशेष सत्र बुलाए जाने के सत्ता पक्ष के फैसले पर सहमति दे दी है। इससे कांग्रेस विधायक ही संतुष्ठ नहीं है। विधायक यह कहने लगे हैं कि कमलनाथ वैसा ही कर रहे हैं, जैसा शिवराज चाहते हैं।
दरअसल, कांग्रेस विधायकों को उम्मीद थी कि विधानसभा का विशेष सत्र कम से कम तीन दिन तक चलेगा। इस दौरान स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का भी चुनाव हो जाएगा। लेकिन उपचुनाव से पहले भाजपा में इन दोनों पदों पर चुनाव कराने पर सहमति नहीं है। क्योंकि स्पीकर के लिए विंध्य एवं महाकौशल क्षेत्र के कई नेता दावेदार हैं, जो मंत्री नहीं बन पाए हैं। यदि उपचुनाव से पहले स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के लिए चुनाव होता तो भाजपा में नेताओं की नाराजगी सामने आ सकती थी। यही वजह है कि सत्ता पक्ष की ओर से सर्वदलीय बैठक में एक दिन का विशेष सत्र बुलाने का प्रस्ताव रखा। जिस पर नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने अपनी सहमति दे दी। ऐसे में स्पीकर एवं डिप्टी स्पीकर के लिए चुनाव फिलहाल टल गए हैं।
इससे भाजपा खेमे को बड़ी राहत मिली है। इससे पहले दो महीने पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी नेेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कोरोना के चलते सत्र स्थगित करने के प्रस्ताव पर सहमति दे दी थी। फिलहाल नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ द्वारा सरकार के एक दिन के सत्र के प्रस्ताव पर सहमति देने के फैसले से कांग्रेस विधायक संतुष्ठ नहीं है।
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