नई दिल्ली। किसानों से जुड़े तीन अध्यादेशों को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। भारतीय किसान यूनियन से बड़ी संख्या में जुड़े किसान तीनों अध्यादेश के खिलाफ बुधवार को संसद के बाहर धरना प्रदर्शन करने वाले हैं। भाकियू नेता गुरनाम सिंह का कहना है कि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान, विधेयकों के विरोध में संसद के बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे।
इस बीच प्याज निर्यात पर लगी रोक के खिलाफ महाराष्ट्र के किसान आज प्रदर्शन करेंगे। पोर्ट पर कुल 712 कंटेनर प्याज को लेकर असमंजस बरकरार है। इन कंटेनर 1 किलो से लेकर 50 किलो की पैकिंग में प्याज है। अब एक्सपोर्टर चिंतित हैं कि प्याज एक्स्पोर्ट पर बैन लगने से पहले शिपमेंट किए गए प्याज का क्या होगा। एक कंटेनर का मूल्य 8-10 लाख है। अगर कंटेनर नहीं गए तो यह नुकसान एक्सपोर्टर को होगा। कांग्रेस भी आज प्याज निर्यात पर बैन के खिलाफ प्रदर्शन करेगी।
किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश, मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता अध्यादेश, 2020 का विरोध हो रहा है। तीनों अध्यादेश आने के बाद से ही किसान लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। सरकार जल्द ही इन बिल को पास कराने की तैयारी में है, लेकिन उसके अपने सहयोगी ही विरोध में खड़े होते दिख रहे हैं।
प्याज की कीमतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने सोमवार को प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है। यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। किसानों से जुड़े कई संगठन बैन का विरोध कर रहे ह।पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि प्याज के निर्यात पर लगे बैन से महाराष्ट्र के किसान नाराज हैं और कई संगठनों ने उनसे संपर्क किया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने अचानक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। इससे महाराष्ट्र में प्याज का उत्पादन करने वाले क्षेत्रों से तीखी प्रतिक्रिया आई है, इसलिए विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने मुझसे संपर्क किया और केंद्र सरकार से अपनी मांगों को बताने का अनुरोध किया।
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