नई दिल्ली । अर्थव्यवस्था, कोरोना और सीमा विवाद के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार को लगातार घेरने वाली कांग्रेस पार्टी ने इस बार लोगों की जीविका को लेकर मिल रही सरकारी मदद पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि क्या उसके 500 या 1000 रुपये के आर्थिक मदद से कोई गृहणी अथवा बुजुर्ग, दिव्यांग अपनी जीविका चला पाने में सक्षम होगा ? या फिर सरकार ये मानती है कि उसके पांच किलो अनाज से परिवार की भरण-पोषण संभव है। कांग्रेस पार्टी चाहती है कि सरकार अपनी मदद पर पुनर्विचार कर बेहतर विकल्प तलाशे।
कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए सरकार के मदद को लेकर सवाल पूछे। इसके तहत पहले सवाल में यह पूछा गया है कि क्या एक गृहिणी महीने के सिर्फ 500 रुपये से अपना घर चला सकती है? दूसरे सवाल में दूसरे सवाल में पूछा गया कि क्या गरीब परिवारों की भूख पांच किग्रा अनाज प्रति महीने से शान्त हो जाएगी? वहीं तीसरे सवाल में पूछा गया कि दिव्यांगजनों, विधवाओं एवं बुजुर्गों के लिए मात्र 1000 रुपये की आर्थिक सहायता को किस लिहाज से पर्याप्त की श्रेणी में रखा गया है। विपक्षी पार्टी ने कहा कि अगर सरकार वाकई मदद की मंशा रखती है तो उसे इस पर पुन:विचार करना चाहिए। इस दौरान कांग्रेस ने सवाल भी उठाया कि आखिर क्या वजह है कि सरकार इस महामारी में भी टोकन प्रकिया को अपना रही है।
दरअसल कोरोना महामारी के दौरान लोगों की मदद को लेकर सरकार ने आर्थिक एवं अन्न उपलब्ध कराने की योजना की घोषणा करते हुए अपनी पीठ थपथपाई थी। सरकार की ओर से कहा गया कि उसकी योजना में सभी वर्ग के जरूरतमंद लोगों तक मदद की पहुंच सुनिश्चित करना भी था, जिसमें वह काफी हद तक सफल भी रही। हालांकि विपक्ष ने कई मौकों पर सरकार की ओर से मिलने वाली मदद को कमतर बताया है। इसी क्रम में आज कांग्रेस ने ट्वीट कर सरकार की ओर दी जा रही मदद पर सवाल उठाए। एजेंसी
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