इंदौर। चिंता की सबसे बड़ी बात यह है कि इलाज करने वाले अस्पताल, डॉक्टर और उसका स्टाफ तेजी से कोरोना संक्रमण का शिकार हो रहा है। 300 से अधिक डॉक्टर, नर्स व अन्य कर्मचारी पॉजिटिव हो गए। सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में ही 30 से अधिक डॉक्टर व मेडिकल स्टाफ का इलाज चल रहा है। अभी बीते 10 दिनों में ही लगभग 70 डॉक्टर और स्टाफ कोरोना की चपेट में आ गए हैं।
अस्पतालों पर लगातार मरीजों का दबाव बढ़ता जा रहा है, क्योंकि रोजाना 300 से 400 के बीच पॉजिटिव मरीज निकल रहे हैं। इनमें से आधे मरीजों को होम आइसोलेशन में, लेकिन अधिक उम्र या अन्य बीमारियों से ग्रसित पॉजिटिव मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करवाना पड़ रहा है। हालांकि 100 से अधिक लोग रोजाना डिस्चार्ज भी हो रहे हैं, लेकिन बाहरी मरीजों का भी दबाव बढ़ता जा रहा है। एक तरफ अस्पतालों में बैड और आईसीयू की कमी होने लगी, वहीं दूसरी तरफ इलाज करने वाले डॉक्टर और स्टाफ भी तेजी से संक्रमण का शिकार हो रहे हैं, जो कि ज्यादा चिंता की बात है, क्योंकि मरीजों का इलाज करने वाले ही अगर इस तरह संक्रमित होंगे तो फिर मुसीबत बढ़ेगी ही। जब से इंदौर में कोरोना शुरू हुआ, तब से लेकर अभी तक लगभग 330 डॉक्टर, नर्स व मेडिकल स्टाफ संक्रमित हो चुका है, जिनमें से डॉक्टरों की संख्या ही 180 तक पहुंच गई है और एक दर्जन डॉक्टर व स्टाफ की मौत भी हो चुकी है। अभी सबसे अधिक संक्रमित डॉक्टर व स्टाफ सितम्बर के इन 10-12 दिनों में सामने आए। लगभग 70 डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के संक्रमित होने की जानकारी सामने आई है, जिसमें सेम्स परिसर यानी अरविन्दो, इंडेक्स, चोईथराम, एमजीएम मेडिकल कॉलेज से लेकर अन्य अस्पतालों के डॉक्टर और स्टाफ शामिल हैं। यही कारण है कि अब निजी अस्पतालों में डॉक्टरों और स्टाफ का टोटा पडऩे लगा है, क्योंकि एक तरफ संक्रमितों की संख्या बढ़ गई, जिसके चलते 14 दिन क्वारेंटाइन और उसके बाद भी एहतियात बरतना जरूरी है और जो लोग लगातार ड्यूटी दे रहे हैं उन्हें भी बीच-बीच में तीन से चार दिन के लिए क्वारेंटाइन होना पड़ता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में दो गुना बढ़ गए मरीज
शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उपचुनाव के चलते राजनीतिक आयोजन तो भीड़ भरे हो ही रहे हैं। भाजपा के कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद कल पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की जनसभा भी सांवेर में हुई और उसके पहले कलश यात्राएं लगातार निकाली जा रही है, जिसके चलते अब सांवेर में भी आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या बढ़ेगी, वहीं शहर के नेता भी गांवों में जाकर संक्रमण फैला रहे हैं। आंकड़ों की बात की जाए तो 30 जुलाई तक लगभग 7 हजार पॉजिटिव केस इंदौर जिले में थे, उसमें से ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 3.8 प्रतिशत मरीज ही थे, जो अभी सितम्बर में लगभग दो गुने तक बढक़र लगभग 7 प्रतिशत तक पहुंच गए हैं। जुलाई तक जहां पौने 300 पॉजिटिव इन ग्रामीण क्षेत्रों में थे, जो अभी सितम्बर में 800 से अधिक हो गए हैं। इसमें महू शामिल नहीं है, हवां तो 1300 से ज्यादा का आंकड़ा पहले ही पहुंच गया है, लेकिन सांवेर, देपालपुर, गौतमपुरा से लेकर अन्य क्षेत्रों में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अगर ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसी तरह संक्रमण फैला, तो ज्यादा परेशानी होगी।
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