हत्या लूट डकैती जैसे गंभीर मामलों मैं कई बार आ चुकी है उनकी भूमिका
इदौर। मिनी मुंबई के नाम से पहचाने जाने वाले इंदौर शहर में अपराध बढऩे के पीछे बड़ी भूमिका बाहरी गिरोह की सामने आती रही है। हाल ही में शिवसेना के पूर्व अध्यक्ष की हत्या में भी बाहरी गिरोह ही पकड़ाया है। यह बाहरी गिरोह पिछले कई सालों से पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं, लेकिन पुलिस इन पर लगाम नहीं लगा पाई इसका नतीजा है। शहर में अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। इंदौर की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां आस-पास के जिलों में कई गिरोह सक्रिय हैं, जो आसानी से इंदौर आ कर वारदात को अंजाम देते हैं और रफूचक्कर हो जाते हैं, यह लोग सभी तरह के अपराध बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है।
पारदी गिरोह ने की थी उद्योगपति की हत्या
कुछ साल पहले खातीवाला टैंक में चोरी की नीयत से घुसे पारदी गिरोह ने एक सिख उद्योगपति की हत्या कर दी थी। यह गिरोह गुना का था हालांकि पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। पारदी गिरोह भी शहर में हत्या लूट डकैती और चोरी की कई वारदातों में पकड़ा जा चुका है ।
ईरानी गिरोह भी पुलिस के लिए सर दर्द
भोपाल और सेंधवा के आसपास सक्रिय ईरानी गिरोह इंदौर में कई वारदातों को अंजाम दे चुके है और कई बार पकड़े जा चुके यह लोग नकली पुलिस बन ठगी करने में माहिर है। इसके अलावा दुकानों से माल उड़ाने और लूट में भी शामिल रहे है, जब भी यह गिरोह शहर में आता है तो बुजुर्गों को निशाना बनाते हैं।
धार टांडा के बदमाश
धार झाबुआ से बड़ी संख्या में आदिवासी लोग मजदूरी के लिए इंदौर आते हैं। इनके बीच कई बदमाशों के गिरोह भी यहां पहुंच जाते हैं और इंदौर में वारदातों को अंजाम देते हैं। हाल ही में हुई शिवसेना के पूर्व अध्यक्ष की हत्या में भी यही गिरोह पकड़ाया है यह लोग लूट डकैती हत्या और चोरी के कई मामलों में इंदौर में कई बार पकड़े जा चुके हैं ।
खंडवा खरगोन के सिकलीगर
खंडवा-खरगोन और धार में कई सिकलीगर अवैध हथियार का गोरखधंधा करते हैं। यह पूरे देश भर में अवैध हथियार बेचने के मामले में पकड़े जा चुके हैं। इंदौर पुलिस भी कई बार इन को गिरफ्तार कर बड़ी मात्रा में हत्या जब करती है। यह अवैध हथियार इंदौर में होने वाली हर तीसरी हत्या के लिए जिम्मेदार है, इसके अलावा यह लोग ताला-चॉबी बनाने के बहाने ठगी की घटनाओं को भी अंजाम दे देते हैं। ऐसे कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि शहर में होने वाले अपराधों में 25 प्रतिशत से अधिक मामलों में यह बाहरी गिरोह की भूमिका होती है ।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved