नई दिल्ली। पैन्गोंग झील के दक्षिणी छोर की गुरंग हिल, मगर हिल, मुखपरी और रेचिन-ला दर्रा जैसी आधा दर्जन रणनीतिक चोटियों पर भारत का कब्जा होने के बाद से चीनी सेना इसलिए बौखलाई हुई है, क्योंकि यह सभी पहाड़ियां कैलाश पर्वत श्रृंखला में आती हैं। यानी एक तरह से देखा जाए तो भारत ने 60-70 किलोमीटर तक का वह पूरा क्षेत्र अपने अधिकार में ले लिया है, जिसके दम पर चीन हर बार कैलाश मानसरोवर की यात्रा रोकने की धमकी देने के साथ ही आंखें दिखाता था। कैलाश पर्वत श्रृंखला की इन चोटियों को अपने कब्जे में लेते समय भारतीय सैनिकों ने ‘हर-हर महादेव’ के जयकारे भी लगाये। अब चीनी सेना किसी भी कीमत पर इन कैलाश रेंज की पहाड़ियों को हड़पना चाहती है, इसीलिए चीन ने भारत की फॉरवर्ड पोजिशन के फायरिंग रेंज में टैंक तक तैनात कर दिए हैं।
चीन से 1962 के युद्ध से पहले यह पूरा इलाका भारत के ही अधिकार-क्षेत्र में था लेकिन युद्ध के दौरान रेचिन-ला और चुशुल की लड़ाई के बाद दोनों देश की सेनाएं इसके पीछे चली गई थीं और इस इलाके को पूरी तरह खाली कर दिया गया था। 1962 के बाद यह पहला मौका है जब भारत ने चीनियों को मात देकर पैंगोंग के दक्षिणी छोर की इन पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया, जहां दोनों देश अब तक सैन्य तैनाती नहीं करते रहे हैं। दरअसल, चीन ने ही 29/30 अगस्त की रात भारत के साथ नया मोर्चा पैन्गोंग झील के दक्षिणी छोर की थाकुंग चोटी पर घुसपैठ करने की कोशिश करके खोला। भारतीय सैनिकों ने चीनियों को खदेड़ने के बाद इस क्षेत्र की सभी महत्वपूर्ण चोटियों को अपने अधिकार क्षेत्र में लेने का अभियान छेड़ दिया। इसी क्रम में 3 दिन के भीतर भारतीय सेना ने पैंगोंग-त्सो झील के दक्षिण में करीब 60-70 किलोमीटर तक का पूरा क्षेत्र अपने अधिकार में लेकर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को चौंका दिया है।
भारत के कब्जे में कैलाश पर्वत श्रृंखलाओं के आने के बाद से चीन पूरी तरह बौखलाया हुआ है और तनाव ज्यादा ही बढ़ा है। अब चीनी सेना किसी भी कीमत पर इन कैलाश रेंज की पहाड़ियों को हड़पना चाहती है, इसीलिए बड़ी तादाद में चीनी सैनिक भारत की फॉरवर्ड पोजिशन के चारों तरफ इकठ्ठा हो रहे हैं। इतना ही नहीं चीनी सैनिकों की मध्यकालीन हथियारों के साथ इकठ्ठा होने की तस्वीरें वायरल हुई हैं। चीनियों ने एक बार फिर धोखेबाजी करके भारत को एहसास करा दिया कि अब इन पहाड़ियों को खाली छोड़ना ठीक नहीं है। इसलिए दोनों पक्षों की सेनाओं ने एक-दूसरे की फायरिंग रेंज में टैंक, आर्टिलरी गन, रॉकेट लॉन्चर और सर्विलांस ड्रोन के अलावा हजारों सैनिकों की तैनाती कर दी है। भारतीय सेना ने रेचिन-ला दर्रे के करीब अपनी पूरी एक टैंक ब्रिगेड तैनात कर दी है। साथ ही इंफेंट्री सैनिक रॉकेट लॉन्चर और एटीजीएम यानि एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों से तैनात हैं ताकि अगर चीनी सेना आगे बढ़ने की कोशिश करती है तो उसे पीछे खदेड़ दिया जाए। (हि.स.)
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