इंदौर। बच्चों की तस्करी वाली जिस गैंग के दो डॉक्टरों को पुलिस ने गिरफ्त में लिया है, उनके बारे में बताया जा रहा है कि ये ज्यादातर ऐसी प्रसूताओं की तलाश में रहते थे, जो बाहर से पढऩे के लिए इंदौर आकर प्रेम जाल में फंसकर गर्भवती हो जाती थी। ये लोग इनसे दो तरह से रुपया कमाते थे। एक तो गर्भपात करके तो दूसरा इनके बच्चों को ले लेते थे।
कल पुलिस ने तिल्लोर रोड़ बहोरिया गांव स्थित पार्वती नर्सिंग होम के डॉक्टर भरत मोर्य और रमाकांत शर्मा निवासी अमृत पैलेस को गिरफ्तार किया था। डॉ. भरत ने एक नवजात को तेजकरण को सवा लाख में बेचा था। इसी बच्ची को तेजकरण ने परदेशीपुरा चौराहे पर रीत ठाकरे को दी थी। जबकि रमाकांत ने एक बच्ची 2 साल पहले तेजकरण को बेची थी। इनसे जुड़े एक दांत के डॉक्टर पवन राय की तलाश की जा रही है। वह पूजा डेयरी के पास करुणा मेटरनिटी क्लिनिक में रात का इंचार्ज था। पुलिस को शंका है कि पवन ने कई बच्चों को इधर-उधर किया होगा। पुलिस तीन महिलाओं शिल्पा, रीत और मधु गिरफ्तार कर चुकी है।
पुलिस बोली- कोर्ट जाओ और साबित करो यह तुम्हारा बच्चा है
रीत के पास जो दो साल का बच्चा मिला है। उसकों लेकर इंदौर के एक दंपत्ति दावा कर रहे है कि यह उनका बच्चा है। कल दंपत्ति पुलिस से भी मिले। लेकिन वह जो बच्चे में उम्र बता रहे है उसमें फर्क आ रहा है। जिसके चलते पुलिस ने उनसे कहां कि आपको बच्चा लेना है कोर्ट जाओ और साबित करो की यह बच्चा तुम्हारा है। इसके लिए दस्तावेज और डिलिवरी से संबंधित सबूत पेश करना होगा। जरूरत पड़ी तो डीएनए टेस्ट भी दंपत्ति को गुजरना पड़ेगा। इस गैंग से मिला एक बच्चा ऐसा है जिसको लेकर किसी ने दावा नहीं किया और उसके बारे में अभी तक कोई जानकारी भी नही लगी है।
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