मिली दूसरे चरण की मंजूरी
हैदराबाद। कोरोना वायरस के इलाज के लिए भारतीय वैक्सीन को लेकर एक अच्छी खबर है। हैदराबाद की भारत बायोटेक कंपनी की वैक्सीन को दूसरे चरण के ट्रायल के लिए मंजूरी मिल गई है। कंपनी का दावा है कि जानवरों पर उसकी वैक्सीन COVAXIN का ट्रायल सफल रहा है।
कंपनी की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि बंदरों के चार समूहों पर वैक्सीन का ट्रायल किया गया। इस दौरान SARS-CoV-2 वैक्सीन के दो डोज दिए गए और उनकी निगरानी की गई। एक समूह की प्लेसबो के साथ देखरेख की गई जबकि तीन समूहों को 14 दिनों में 3 अलग-अलग वैक्सीन दी गईं। 14 दिनों के बाद इन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई। वैक्सीन की वजह से इन पर ट्रायल के दौरान कोरोना वायरस बेअसर रहा।
रिजल्ट देखने पर पता चला कि जिन बंदरों को वैक्सीन दी गई थी उनमें प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गई थी, जिन समूहों को वैक्सीन दी गई थी उनके हिस्टोपैथोलॉजिकल टेस्ट में निमोनिया का कोई सबूत नहीं देखा गया। कुल मिलाकर इस वैक्सीन को वायरस से निपटने में कारगर पाया गया।
कुल 12 संस्थानों में होगा ह्यूमन ट्रायल
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने इस वैक्सीन का 12 चिकित्सा केंद्रों ह्यूमन ट्रायल करने की मंजूरी दी है, इनमें IMS और SUM अस्पताल भी हैं। इस वैक्सीन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा विकसित किया गया है।
1) एम्स (दिल्ली) में कोवाक्सिन का मानव परीक्षण ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से हरी झंडी मिलने के बाद शुरू हुआ है। डीसीजीआई देश की सबसे बड़ी दवा नियामक संस्था है। इस वैक्सीन को हाल ही में इस संस्था से मंजूरी मिली थी।
2) कोवेक्सिन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के सहयोग से विकसित किया है।
3) एम्स (दिल्ली) ने परीक्षण के लिए कुछ वालंटियर्स को पंजीकृत किया था। कोवेक्सिन का ह्यूमन ट्रायल होने से पहले वालंटियर्स का हेल्थ चेकअप होगा और यह देखा जाएगा कि वो इन परीक्षण के लिए कितने तैयार हैं।
4) ह्यूमन ट्रायल के लिए कुल 375 वालंटियर्स की लिस्ट बनी है जिनमें से एम्स (दिल्ली) पहले और दूसरे चरण के परीक्षणों के लिए केवल 100 प्रतिभागियों का चयन करेगा। बाकी वालंटियर्स का अलग जगह पर परीक्षण होगा।
5) आईसीएमआर ने 12 संस्थानों को इस वैक्सीन के लिए चुना है 17 जुलाई को, रोहतक के पोस्ट-ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट (PGI) में कोवाक्सिन का मानव परीक्षण शुरू हुआ, जहां तीन स्वयंसेवकों को कोवेक्सिन दिया गया।
6) एम्स-पटना और कुछ अन्य स्थानों पर भी परीक्षण शुरू हो गए हैं। उत्तरी गोवा के पेरनेम तालुका में रेडकर अस्पताल में भी इस वैक्सीन का ट्रायल होगा। उत्तरी गोवा का यह निजी अस्पताल 12 संस्थानों में से एक है।
7) गोवा के रेडकर अस्पताल में दस वालंटियर्स पर यह परीक्षण होगा। वालंटियर्स की रिपोर्ट उनकी पात्रता का पता लगाने के लिए दिल्ली भेजी गई है।
8) भारत में कोवेक्सिन के अलावा DCGI ने फार्मा दिग्गज Zydus Cadila को Covid -19 वैक्सीन के लिए मनुष्यों पर चरण I / II नैदानिक परीक्षण करने की अनुमति दी है।
9) कोवेक्सिन और ज़ाइडस कैडिला वैक्सीन को चूहों और खरगोशों में परीक्षण में सफलता के बाद मानव परीक्षणों के लिए मंजूरी मिली है। ये केवल दो स्वदेशी वैक्सीन हैं जो भारत में मानव परीक्षण चरण तक पहुंची हैं।
10) कंपनी भारत बायोटेक द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन अध्ययनों के परिणाम आशाजनक रहे हैं और व्यापक सुरक्षा और प्रभावी इम्यून रेस्पोंस दिखाते हैं।
आईसीएमआर के अनुसार भारत में कोरोना की तीन वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। सीरम इंस्टीट्यट की वैक्सीन का फेज 2 (बी) और फेज 3 टेस्ट चल रहा है। वहीं, भारत बायोटेक की वैक्सीन का स्टेज 2 शुरू होगा और जेडस कैडिला की वैक्सीन ने फेज 2 में 50 लोगों का टेस्ट पूरा कर लिया है। हालांकि भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड की कोरोना वायरस की वैक्सीन का ट्रायल रोक दिया है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से अगले निर्देश के बाद फिर ट्रायल शुरू होगा।
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