उज्जैन। नगर निगम में एक निलंबित कर्मचारी अपनी सीट पर बैठकर सुबह से रात्रि तक काम करता रहा। वह अपने अधिकारी के पास भी बैठा और फाइलों को लेकर चर्चा की। निगम में यह आरोप लगे कि जिसे निलंबित कर दिया गया हो,वह आखिर कैसे अपनी सीट पर बैठकर,आलमारी खोलकर, फाइलों को निपटा सकता है?
ऐसा वाकया बुधवार को निगम के स्थापना विभाग में हुआ। स्थापना विभाग के प्रभारी लिपिक दिनेश गुर्जर को निगमायुक्त ने 7 सितंबर को निलंबित कर दिया था। गुर्जर को यह आदेश 8 सितंबर को दोपहर में मिला। आदेश में कहा गया था कि निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय ट्रेंचिंग ग्राउण्ड रहेगा। इधर बुधवार को निगम के स्थापना विभाग में गुर्जर पहुंचे और रात्रि तक फाइलें निपटाई। बीच में वे निगम अधिकारी मनोज पाठक के कक्ष में भी गए और उनके साथ सलाह मशवीरा किया। इसके बाद पुन: फाइलों का निपटारा किया। यह बात सब देख रहे थे, लेकिन चुप्पी साध रखी थी।
इस संबंध में जब निगमायुक्त क्षितिज सिंघल से चर्चा की गई तो उन्होने कहा कि उन्हें इस बात की शिकायत मिल चुकी है। वे दिनेश गुर्जर के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। उनको जब किसी विभाग से निलंबित किया गया है तो वहां जाना ही नहीं था। जहां उन्हे भेजा गया है, वहां रहना चाहिए था। वे इस मामले में जांच करवा रहे हैं।
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