भोपाल। प्रदेश में भ्रष्ट और भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच करने वाली दो प्रमुख एजेंसी लोकायुक्त एवं ईओडब्ल्यू में पदस्थ अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सरकार की नजर है। दोनों एजेंसियों में पदस्थ दागी अफसरों को जल्द ही वापस बुलाया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में भ्रष्टों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। ऐसे विभागों में दागी एवं भ्रष्टाचार में लिप्त अफसरों की सूूची बनाना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री जल्द ही ऐसे मामलों की समीक्षा करेंगे।
आमतौर पर लोकायुक्त एवं ईओडब्ल्यू में पदस्थापना के लिए अधिकारी लालायित रहते हैं। इसके लिए राजनीतिक सिफारिशें भी होती हैं। अब इन एजेंसियों में उन अधिकारियों को पदस्थ किया जाएगा, जिनका पिछला रिकॉर्ड साफ-सुथरा रहा हो। दागी अफसरों को अब इन एजेंसियों में नहीं भेजा जाएगा और जो दागी पदस्थ हैं, सामान्य प्रशासन विभाग उनकी सेवाएं गृह विभाग को लौटाएगा। इसका फैसला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दागी अफसरों को लेकर होने वाली अगली समीक्षा बैठक में करेंगे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अन्य विभागों ने काम शुरू कर दिया है।
भ्रष्टों पर मेहरबार हैं विभाग
लोकायुक्त एवं ईओडब्ल्यू ने भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश करने के लिए विभागों से अनुमोदन मांगा है, लेकिन कई विभागों ने इसकी अनुमति नहीं दी है ऐसी स्थिति में भ्रष्टों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश भी नहीं हो पाया है। सूत्रों ने बताया कि अगली समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री इस पर भी फैसला देंगे।
ईओडब्ल्यू डीजी ने दिखाई सख्ती
आमतौर पर ईओडब्ल्यू एवं लोकायुक्त में छापामार कार्रवाई के अलावा भी भ्रष्टों के खिलाफ शिकायतें आती हैं। ऐसी शिकायतों पर दोनों एजेंसी के अधिकारी सालों तक संज्ञान नहीं लेते हैं। इस बीच गंभीर शिकायतें भी आती हैं। ईओडब्ल्यू के महानिदेशक राजीव टंडन से सभी एसपी को निर्देश दिए हैं कि शिकायतों पर तत्काल निर्णय लें। शिकायतों का निराकरण समय पर किया जाए। किसी भ्ीा स्थिति में लंबित नहीं होना चाहिए। डीजी के फरमान से ईओडब्ल्यू के मैदानी अफसरों में हड़कंप मचा है। डीजी जांच प्रकरणों की नियमित समीक्षा भी कर रहे हैं।
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