अंबाला। भारतीय वायु सेना में राफेल फाइटर जेट्स को शामिल करने के लिए अंबाला वायुसैनिक अड्डे पर कार्यक्रम शुरू हो गया है। वायु सेना विधिवत रूप से राफेल विमानों को अपने बेड़े में शामिल करेगी। ये विमान वायु सेना के 17 वें स्क्वाड्रन, “गोल्डन एरो” का हिस्सा होंगे। पांच राफेल विमानों का पहला जत्था 27 जुलाई को फ्रांस से अंबाला के वायुसैनिक अड्डे पर पहुंचा था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली कार्यक्रम में मौजूद हैं।
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, रक्षा विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी के साथ रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के कई वरिष्ठ अधिकारी भारतीय वायुसेना के इतिहास में दर्ज होने वाली इस बड़ी घटना के अवसर पर उपस्थित हैं।
इस अवसर पर फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन, वायु सेना प्रमुख एरिक ऑटेलेट, फ्रांसीसी वायु सेना के उप प्रमुख और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। अंबाला नौसैनिक अड्डे में राफेल विमान का औपचारिक अनावरण पारंपरिक रूप से आयोजित सर्व धर्म पूजा के साथ किया जाएगा। इस मौके पर राफेल विमान हवाई करतब दिखाएंगे जिसमें तेजस विमान के साथ सारंग एयरोबेटिक टीम भी शामिल होगी। इसके बाद में, राफेल विमान को पारंपरिक तरीके से वाटर कैनन की सलामी दी जाएगी। समारोह का समापन वायुसेना के 17वें स्क्वाड्रन में राफेल विमान को विधिवत शामिल किए जाने के साथ होगा। आयोजन के बाद भारतीय और फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल की द्विपक्षीय बैठक होगी।
भारत और फ्रांस के बीच 36 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिये 59,000 करोड़ रुपये की लागत से हुए समझौते के करीब चार साल बाद 29 जुलाई को पांच राफेल लड़ाकू विमानों का पहला जत्था भारत पहुंचा था। फ्रांसीसी विमानन कंपनी दसाल्ट एविएशन द्वारा उत्पादित इन विमानों को अभी औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल नहीं किया गया है। अब तक भारत को 10 राफेल विमानों की आपूर्ति की जा चुकी है जिनमें से पांच अभी फ्रांस में ही हैं जिन पर भारतीय वायुसेना के पायलट प्रशिक्षण ले रहे हैं। सभी 36 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक पूरी हो जाने की उम्मीद है।
चार राफेल लड़ाकू विमानों के एक अन्य जत्थे के नवंबर तक भारत पहुंच जाने की उम्मीद है। सूत्रों ने कहा कि भारत द्वारा फ्रांस से 36 और लड़ाकू विमानों की संभावित खरीद पर सिंह और पार्ली की बातचीत के दौरान शुरुआती चर्चा हो सकती है। रूस से सुखोई विमानों की खरीद के बाद अपनी सटीक मारक क्षमता और वायु श्रेष्ठता के लिये चर्चित राफेल विमानों की करीब 23 साल बाद खरीद हुई है। राफेल विमान अत्याधुनिक हथियारों और उन्नत प्रणाली से लैस हैं।
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