नई दिल्ली। EPFO की बैठक में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज दरों पर फैसला हो गया है। कर्मचारी भविष्य निधि पर वर्ष 2019-20 के लिए 8.5 फीसदी ब्याज तय किया गया है, लेकिन फिलहाल, EPFO की तरफ से सिर्फ 8.15% ब्याज दिया जाएगा। बाकी का 0.35 फीसदी ब्याज दिसंबर महीने में दिया जाएगा। ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी मंडल ने पांच मार्च की बैठक में ईपीएफ पर 2019-20 के लिए ब्याज दर 8.50 प्रतिशत रखने की सिफारिश की थी जो पहले से 0.15 प्रतिशत कम है। न्यासी मंडल के अध्यक्ष श्रम मंत्री संतोष गंगवार हैं। ईपीएफ की यह प्रस्तावित दर सात साल की न्यूनतम दर होगी। केंद्रीय न्यासी बोर्ड के इस निर्णय को वित्त मंत्रालय की सहमति के लिए भेज दिया गया था पर अभी तक वित्त मंत्रालय से उसका अनुमोदन प्राप्त नहीं हुआ है।
आपको बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के दायरे में आने वाले कर्मचारियों की बेसिक सैलरी+महंगाई भत्ता का 12 प्रतिशत PF में जाता है। इतना योगदान कंपनी की तरफ से भी जमा होता है। हालांकि, कंपनी का हिस्सा दो हिस्सों में बांटा जाता है। इसमें से 8.33 फीसदी EPS में जाता है। वहीं, बाकी हिस्सा PF खाते में जाता है।
ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2016-17 में भविष्य निधि पर 8.65 प्रतिशत और 2017-18 में 8.55 प्रतिशत का ब्याज दिया था, जबकि 2015-16 में यह 8.8 प्रतिशत वार्षिक था। इससे पहले 2013-14 और 2014-15 में भविष्य निधि पर 8.75 और 2012-13 में 8.5 प्रतिशत ब्याज दिया गया।
सरकार ने मार्च के बाद कर्मचारियों और नियोक्ताओं को कोविड 19 संकट से उबरने के लिए भविष्य निधि से संबंधित कई राहत उपायों की घोषणा की है। कर्मचारी अब पीएफ खाते में से तीन महीने की बेसिक सैलरी और डीए या पीएफ में जमा रकम के 75 फीसदी में से जो कम हो, उतनी रकम निकाल सकते हैं। इस रकम को दोबारा इसमें जमा करने की जरूरत नहीं है।
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