नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने प्रदेश सरकार द्वारा नगर निगमों को फंड नहीं जारी करने और फंड को पूरा नहीं देने को लेकर उपमुख्यमंत्री एवं वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया को एक पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से कपूर ने सिसोदिया से दो सवाल भी पूछे हैं। राज्य के मुखिया अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार पर तंज कसते हुए कपूर ने कहा कि यह एक अकाट्य सत्य है कि केजरीवाल सरकार राजनीतिक द्वेष के कारण नगर निगमों को आर्थिक रूप से पंगु बनाने में लगी हुई है।
पत्र में कपूर ने कहा कि देश की संघीय व्यवस्था अनुसार नगर निगमों एवं पालिकाओं को राज्य सरकार एकत्र करों में से वार्षिक फंड देती हैं। इसका बजट प्रावधान होता है। ऐसे अनेक कर हैं जिन्हें राज्य सरकार निगमों के नाम पर एकत्र करती हैं जैसे सम्पत्ति कर और पंजीकरण शुल्क इत्यादि। यही व्यवस्था दिल्ली राज्य पर भी लागू होती है, पर राजनीतिक द्वेष के चलते गत छह वर्षों से सत्तारूढ़ दल आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार न तो दिल्ली नगर निगमों को उनका पूरा बजट आवंटित करती है और न ही कोई समय सीमा तय करती है। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार को तीनों नगर निगमों का 31 मार्च तक का लगभग 18,000 करोड़ रुपये बकाया देना है। जबकि वर्तमान 2020-21 का आधा वित्त वर्ष बीत जाने के बाद अभी तक 25 प्रतिशत फंड भी नहीं दिया गया है।
उन्होंने राज्य के वित्त मंत्री सिसोदिया से नगर निगमों को वर्तमान वित्त वर्ष 2020-21 में बजट अनुसार दिये जाने वाले फंड को लेकर दो सवाल पूछे हैं। उन्होंने पहला सवाल पूछा कि दिल्ली सरकार आखिर क्यों नगर निगमों को उनके बजट का फंड नहीं उपलब्ध करवा पा रही है? जबकि दूसरी ओर अपने राजनीतिक प्रवक्ताओं से नगर निगमों पर फंड भ्रष्टाचार के मनगढ़त आरोप लगवा रही हैं। दूसरा सवाल उन्होंने सिसोदिया से पूछा कि राज्य के वित्त मंत्री जवाब दें कि क्या यह सच नहीं कि नगर निगमों के लिये 2020-21 के लिये जो बजट स्वीकृत पैसा है। उसको निम्न क्रम अनुसार आंशिक रूप में ही आज तक जारी किया गया है ? (एजेंसी, हि.स.)
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