नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी मंगलवार को उन पार्टी नेताओं से मुखातिब होंगी, जिन्होंने बीते महीने बदलाव की मांग करते हुए हाईकमान को चिट्ठी लिखी थी। सोनिया की अगुवाई में यह बैठक बीते महीने हुए हंगामेदार CWC के बाद हो रही है। सोनिया संसदीय रणनीति समूह की वर्चुअल मीटिंग में हिस्सा लेंगी, जिसमें वे नेता भी मौजूद रहेंगे जिन्होंने चिट्ठी लिखी थी। इस बैठक में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा समेत 23 नेता शामिल होंगे।
अंतरिम अध्यक्ष ने पार्टी के असंतुष्टों को बेअसर करने के लिए संसदीय दल में करीबियों और वफादारों को शामिल कर लिया है। गौरतलब है कि कांग्रेस रणनीति समूह एक बार बैठक कर चुका है और इस दौरान सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की गयी।
वहीं विपक्षी दल संसद में सरकार को कोविड-19 महामारी से निपटने, अर्थव्यवस्था और राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति, चीन के साथ सीमा पर गतिरोध जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर एक साथ मिलकर घेरने पर विचार कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा संसद के दोनों सदनों में सरकार के खिलाफ एक साथ मोर्चा खोलने के लिए इस सप्ताह बैठक कर एक संयुक्त रणनीति बनाने की संभावना है।
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बढ़े तनाव के संबंध में विपक्ष इस पर सरकार से जवाब की मांग करेगा। देश में कोविड-19 के बढ़ रहे मामलों को लेकर भी चर्चा होने की संभावना है। फेसबुक को लेकर भी संसद में गर्मागर्म बहस हो सकती है नीट समेत कई अन्य परीक्षाएं कराने का मुद्दा भी उठाया जा सकता है।
NEET-JEE पर भी उठ सकते हैं सवाल
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच परीक्षाएं आयोजित कर सरकार ने छात्रों के जीवन को खतरे में डाला है। इसके साथ ही कांग्रेस कांग्रेस हालिया समय में सरकार द्वारा जारी अध्यादेश का भी विरोध कर सकती है। सरकार ने 11 अध्यादेश जारी किए हैं। सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य व्हिप और रणनीति समूह के संयोजक जयराम रमेश ने पार्टी के नेताओं को इन अध्यादेशों के बारे में बताया है।
कोविड-19 महामारी के बीच संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से शुरू हो रहा है और इस बार सदन की बैठक के लिए कई बदलाव भी किए गए हैं। विपक्षी नेता चाहते हैं कि समान सोच वाले दलों को संसद में सरकार को घेरने के लिए एक दूसरे के साथ मिलकर तालमेल से काम करना चाहिए. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे और झामुमो के हेमंत सोरेन जेईई/नीट और जीएसटी मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों की हालिया बैठक के दौरान यह विचार व्यक्त कर चुके हैं।
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