पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भारत और चीन के सैनिकों में गोलीबारी की घटना हुई है। चीन के साथ सीम पर भारत का गतिरोध लगातार बढ़ता ही जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल एलएसी पर स्थिति काबू में है।
बता दें, एलएसी पर भारत और चीन के बीच लंबे वक्त से गतिरोध जारी है। हालांकि, दोनों देशों की ओर से कूटनीतिक तथा सैन्य स्तर पर स्थिति को सामन्य करने की कोशिश की जा रही है। ध्यान देने वाली बात यह है कि 45 साल बाद सोमवार को पहली बार एलएसी पर भारत और चीन के बीच गोलीबारी हुई, इससे पहले 1975 में गोलीबारी हुई थी।
वहीं, चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, सोमवार को चीनी सेना ने आरोप लगाया कि पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर भारतीय सेना ने एलएसी का उल्लंघन कर फायरिंग की है।
हालांकि, भारत सरकार की ओर से चीन के इस दावे पर किसी भी तरह की कोई प्रतिक्रिया या बयान नहीं आया है। हालांकि, भारत की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि उसकी सेना से एलएसी का उल्लंघन नहीं किया है।
इस बीच, चीन के रक्षा मंत्रालय, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के वेस्टर्न थियेटर कमान के प्रवक्ता कर्नल झांग शुइली की तरफ से देर रात दिए बयान के मुताबिक, सीमा पर भारतीय सैनिकों की तरफ से कथित उकसावे की कार्रवाई की गई थी, जिसके बाद चीनी सैनिकों की ओर से जवाबी कार्रवाई की गई।
बता दें, पिछले कुछ महीनों से एलएसी पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। चीनी सैनिकों के ओर से लगातार सीमा पर घुसपैठ करने की कोशिश की जा रही है और भारत के सैनिक चीन की इस कोशिश को हर बार नाकाम कर रहे हैं। सीमा पर भारतीय जवानों की तैनाती और जवाबी कार्रवाई से चीन की सेन परेशान है। लिहाज अब वह सीमा पर गोलीबारी करने पर उतर आया है। ज्ञात हो कि तनावपूर्ण माहौल के बीच दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है।
मालूम हो कि 29-30 अगस्त की रात को चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग इलाके में घुसपैठ की कोशिश की थी। हालांकि, भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों की इस कोशिश को नाकाम कर दिया था।
गौरतलब है कि इसी साल मई के महीने से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच गतिरोध जारी है और इसी के चलते 15 जून को गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी, जिसमें हमारे 20 जवान शहीद हुए थे. वहीं, चीन के करीब 40 से भी ज्यादा जवान मारे गए थे।
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