नई दिल्ली। कोरोना महामारी और गिरती अर्थव्यवस्था के बीच पूर्व वित्तमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने केंद्र सरकार को स्थिति सुधारने को लेकर कुछ सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर सरकार मांग और खपत को प्रोत्साहित करे तो इससे अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि लोगों तक सरकार की मदद पहुंचे। ऐसे में केंद्र सरकार लोगों की सहायता करने में सिर्फ उधार और विनिवेष पर ही निर्भर न रहे बल्कि अन्य विकल्प की भी तलाश करे।
पी. चिदंबरम ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि मांग बढ़ाने की दिशा में सरकार की कोशिश अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाएगी। इसके लिए जरूरी है कि सरकार सबसे गरीब 50 फीसदी परिवारों को नकदी हस्तांतरित करे। सभी परिवारों के लिए भोजन की व्यवस्था हो, जरूरत के मुताबिक उन्हें अनाज दिया जाए। बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर होने वाले खर्च में वृद्धि हो। मजदूरी का भुगतान करने और बड़े पैमाने पर सार्वजनिक कार्यों को शुरू करने के लिए खाद्य अनाज स्टॉक का उपयोग किया जाए। बैंकों को कर्ज देने के लिए उन्हें पुन: पूंजीकृत किया जाए। साथ ही केंद्र राज्यों को जीएसटी मुआवजे के बकाए का भुगतान भी करे। उन्होंने कहा कि इन बिन्दुओं पर सकारात्मक रूप से आगे बढ़ने से खपत को प्रोत्साहन मिलेगा और बाजार फिर से चल पड़ेगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सभी को धन की आवश्यकता होगी, ऐसे में सरकार को उधार लेने में संकोच नहीं करना चाहिए।
इतना ही नहीं कांग्रेस नेता ने लोगों की आर्थिक मदद को लेकर सरकार की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए धन जुटाने के लिए कुछ उपाय भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) मानकों को शिथिल करते हुए सरकार इस वर्ष अधिक उधार लें। साथ ही विनिवेश में तेजी लाने का प्रावधान किया जाए। सरकार को आईएमएफ, डब्ल्यूबी और एडीबी आदि द्वारा मिले 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के प्रस्ताव का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने यह जरूर कहा कि सरकार के सिर्फ उधार लेने और विनिवेष करने से काम नहीं चलेगा क्योंकि यह अंतिम विकल्प नहीं है। इसके लिए अन्य उपाय भी किए जाने चाहिए। (एजेंसी, हि.स.)
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