नई दिल्ली । दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद आसाराम बापू पर लिखी एक किताब की रिलीज पर अंतरिम रोक लगा दी है। एडिशनल सेशंस जज आरएल मीणा ने राजस्थान के आईपीएस अधिकारी अजय पाल लांबा की किताब “गनिंग फॉर द गॉडमैन-द ट्रू स्टोरी बिहाइंड आसाराम बापू कंविक्शन” की रिलीज पर रोक लगाने का आदेश दिया।
याचिका रेप मामले के सह-आरोपी संचिता गुप्ता ने दायर किया है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील विजय अग्रवाल और नमन जोशी ने कोर्ट को बताया कि किताब को सच्ची घटनाओं पर आधारित होने का दावा किया गया है लेकिन यह ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड से मेल नहीं खाती है। याचिका में कहा गया है कि इस किताब से संचिता गुप्ता की अपील पर असर पड़ने की आशंका है। संचित गुप्ता ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलफ राजस्थान हाईकोर्ट में अपील दायर किया है जो लंबित है। हाईकोर्ट सजा को निलंबित करने का आदेश दे चुका है।
याचिका में कहा गया कि वेबसाइट पर प्रकाशित किताब के अंशों से साफ है कि संचिता गुप्ता का खराब चित्रण किया गया है। इससे उसकी प्रतिष्ठा कम हुई है। याचिका में कहा गया है कि किताब के कंटेंट मनगढ़ंत हैं। ये सबकुछ सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश के तहत किया गया है।
कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर तक इस किताब के प्रकाशन पर रोक लगा दिया है। कोर्ट ने 30 सितंबर तक इस किताब के प्रकाशक हार्पर कॉलिन्स, अमेजन और फ्लिपकार्ट पर भी इस किताब को प्रकाशित करने या बेचने पर रोक लगा दिया है।
ये किताब को अजय पाल लांबा ने लिखा है। अजय पाल लांबा फिलहाल जयपुर में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त हैं। उन्होंने आसाराम की गिरफ्तारी करनेवाली टीम की अगुवाई की थी। इस किताब के सह-लेखक संजीव माथुर हैं। बता दें कि अप्रैल 2018 में जोधपुर की स्पेशल कोर्ट ने आसाराम को एक नाबालिग से रेप का दोषी पाया था। आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। इस मामले में सह-आरोपी संचिता गुप्ता उसी हॉस्टल की वॉर्डन थी, जहां नाबालिग 2013 से रह रही थी ।
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