छतरपुर। बुंदेलखंड के लोकगायक देशराज पटेरिया का शनिवार को तडक़े दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया। उन्होंने आल्हा उदल और हरदौल की कथा सहित बुंदेली लोकगीतों को जन-जन तक पहुंचाया। देशराज पटेरिया के निधन की सूचना सामने आने के बाद उनके चाहने वालों ने शोक व्यक्त कर श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
जीवन के रंगमंच पर अपने लोकप्रिय लोकगीतों से लोगों का मन मोह लेने वाले देशराज पटेरिया का जन्म 25 जुलाई 1953 में छतरपुर जिले के नौगांव कस्बे के पास तिटानी गांव में हुआ था। वह 67 वर्ष के थे। बीते बुधवार को उन्हें दिल का दौरा पडऩे के बाद छतरपुर के मिशन अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उनका उपचार चल रहा था। शनिवार को तडक़े 3.15 बजे उन्हें पुन: दिला का दौरा पड़ा और उनकी हृदय गति रुक गई।
बुंदेलखंड अंचल के प्रसिद्ध लोकगायक देशराज पटेरिया के निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने शनिवार को ट्वीट किया है कि -‘अपनी अनूठी गायकी से बुंदेली लोकगीतों में नये प्राण फूंक देने वाले श्री देशराज पटेरिया जी के रूप में आज संगीत जगत ने अपना एक सितारा खो दिया। वो किसान की लली… मगरे पर बोल रहा था…जैसे आपके सैकड़ों गीत संगीत की अमूल्य निधि हैं। आप हम सबकी स्मृतियों में सदैव बने रहेंगे।’
वहीं, प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने ट्वीट किया है कि -‘मध्यप्रदेश के गौरव और देश-विदेश में अपने लोकगीतों के जरिए अलग पहचान रखने वाले बुंदेलखंड के लोकप्रिय लोकगायक श्री देशराज पटेरिया जी के असमय निधन से मन बेहद आहत है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति दें।’ एजेंसी/हिस