मुम्बई। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के अध्यक्ष राजन वढेरा ने आगामी सुरक्षा नियमों में आगे निवेश करने के लिए क्षेत्र की असमर्थता व्यक्त की है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि वाहन निर्माताओं को होने वाली समस्याओं को हल करने के लिए हस्तक्षेप करे।
60वें सियाम वार्षिक सम्मेलन में वढेरा ने कहा कि घरेलू ऑटो उद्योग ने बीएस-VI उत्सर्जन मानदंडों पर भारी निवेश किया है। इसके बावजूद मौन उपभोक्ता भावनाएं निवेश पर स्वस्थ वापसी की संभावनाओं कम दिख रही है।
वढेरा ने ‘रिवाइजिंग डिमांड’ पर सत्र के दौरान कहा, “इस निवेश का मूल्यह्रास बहुत बड़ा है और उपभोक्ता की मांग में कमी के कारण उद्योग को राजस्व की प्राप्ति नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि इसलिए ऑटोमोटिव मिशन योजना 2026 (एएमपी 2026) के तहत तय लक्ष्यों की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए सरकारी सहायता की आवश्यकता है।
अध्यक्ष वढेरा ने कहा कि बीएस-VI में परिवर्तन के लिए, मोटर वाहन उद्योग को करीब 80,000 से एक लाख करोड़ रुपये का निवेश करना है और उपभोक्ता मांग में कमी के कारण उद्योग को आमदनी नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि इसलिए 2022 के बाद कॉरपोरेट औसत ईंधन दक्षता (सीएएफई) मानदंडों जैसे नए विनियमों को लागू करने के लिए उद्योग के पास निवेश करने की क्षमता नहीं है।
वढेरा ने कहा कि विनियमों की अधिकता नहीं होनी चाहिए, क्योंकि भारत के उत्सर्जन मानक पहले ही दुनिया में सबसे सख्त हैं। उन्होंने कहा कि एएमपी 2026 में सूचीबद्ध लक्ष्यों को हासिल करने के लिए उद्योग को मांग प्रोत्साहन देना जरूरी है। (एजेंसी, हि.स.)
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved