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बाढ़ प्रभावित जिलों में शुरू करें नुकसान का सर्वे

September 04, 2020

  • मुख्यमंत्री ने दिए बड़े बांधों और जलाशयों की स्थिति पर नजर रखने के निर्देश

भोपाल। प्रदेश में बाढ़ प्रभावित जिलों में बारिश थमते ही हालात सामान्य होने लगे हैं। ऐसे में इन जिलों में फसल एवं संपत्ति के नुकसान का सर्वे तत्काल शुरू किया जाए। राजस्व अमले के साथ कृषि, उद्यानिकी विभाग, स्थानीय निकाय के अधिकारी और कर्मचारियों की संयुक्त टीमें बनाकर सर्वे का कार्य समय-सीमा में पूरा करा लिया जावे। सर्वे कार्य के बाद पात्रतानुसार मुआवजा और फसल बीमा का लाभ दिया जाएगा। यह निर्देश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मैदानी अफसरों को दिए हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित मकान एवं फसलों में हुए नुकसान का सर्वे प्राथमिकता के आधार पर करवाये जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टर्स को जिले के बड़े बांधों और जलाशयों की स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि बांधों और जलाशयों के लिये तैनात अमला पूर्ण सजग, सतर्क रहे। संभागीय कमिश्नर्स भी नियमित मॉनिटरिंग कर कठिनाई की स्थिति में समाधान निकालें। बारिश की स्थितियां जब-तक पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाती, तब-तक राज्य एवं जिला स्तरीय कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे कार्य कर त्वरित रूप से रिस्पोंस करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के कई जिलों से सोयाबीन की फसल में यलो मोजेक कीट लगने की सूचना आई है। फसलों की इससे सुरक्षा के हरसंभव उपाय करें, जिससे किसानों की फसलों को नुकसान न हो। सभी कलेक्टर्स अपने जिलों में इसकी रोकथाम के उपाय सुनिश्चित करें।

राहत शिविरों में सुविधाएं पहुंचाएं
अतिवृष्टि से प्रभावित जिलों में लगाये गये बाढ़ राहत शिविरों में भोजन, पीने का पानी, दवाईयॉ, बिजली, साफ-सफाई आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी जिला कलेक्टर्स को दिये गये। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इन कार्यों के लिये यदि जिलों से मांग प्राप्त होती है तो राज्य स्तर से आवश्यक सहयोग तत्काल किया जायेगा।

बीमारियां फैलने का खतरा
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ का प्रभाव कम या खत्म होते ही डेंगू, हैजा, मलेरिया, डायरिया जैसी संक्रामक बीमारियों के फैलने का भय बना रहता है। अत: सुनिश्चित किया जाये कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में साफ-सफाई, दवाओं का छिड़काव, शुद्ध पेयजल की आपूर्ति एवं दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय ताकि बीमारियॉ न फैलें। उन्होंने मौसमी बीमारियों से बचाव के लिये स्वास्थ्य विभाग को जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम में दवाओं के डिपो होल्डर्स के पास सामान्य दवाओं का पूरा स्टॉक रखा जाना सुनिश्चित करें। नागरिकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिये जल स्त्रोतों में ब्लीचिंग पाउडर तथा अन्य दवाओं का तत्काल उपयोग किया जाय। कुओं में बारिश का पानी भरने के कारण हैण्ड पंप ही शुद्ध जल प्राप्ति के एकमात्र स्त्रोत हैं। अत: विशेष अभियान चलाकर खराब हैण्डपंपों का सुधार किया जाय।

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