इन्दौर। इन दिनों मरीजों की संख्या भी इसलिए बढ़ रही है, क्योंकि 30 मिनट के भीतर ही हाथोहाथ एंटीजन टेस्ट से परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। रोजाना दो से ढाई हजार टेस्ट किए जा रहे हैं। अभी तक लगभग 21 हजार एंटीजन टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनके माध्यम से 460 पॉजिटिव मरीज सामने आए और फटाफट उनका इलाज शुरू हो गया। हालांकि इनमें से ज्यादातर होम आइसोलेशन में ही रखे गए हैं। अधिक उम्र व अन्य बीमारियों से पीडि़त मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करवाया जा रहा है। आरटीपीसीआर टेस्टिंग में 2 से 3 दिन में रिपोर्ट आती है, जबकि एंटीजन टेस्ट से उसी वक्त पता चल जाता है कि मरीज पॉजिटिव है या नेगेटिव। पिछले दिनों 25 हजार से अधिक किट इंदौर को मिली थीं, अब और किट बुलवा ली हैं।
अब देशभर में 80 हजार से अधिक मरीज हर 24 घंटे में मिलने लगे हैं। इंदौर सहित मध्यप्रदेश में भी कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ रही है। भोपाल, ग्वालियर सहित अन्य जिलों में भी बीते 4-5 दिनों से कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। इंदौर में तो बीते 24 घंटे में पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा सर्वाधिक 297 तक पहुंच गया है। इंदौर में हालांकि ढाई से तीन हजार सैम्पलों की टेस्टिंग भी औसतन करवाई जा रही है। अभी तक सवा दो लाख से अधिक सैम्पलों की टेस्टिंग की गई, जिसमें पॉजिटिव मरीजों की संख्या 14 हजार 50 तक पहुंच गई है। वहीं कल मेडिकल बुलेटिन में 3264 सैम्पलों की जांच रिपोर्ट में 2972 नेगेटिव और 279 पॉजिटिव बताए गए, वहीं मरने वालों की संख्या भी 411 हो गई। 3960 कोरोना मरीजों का इलाज अस्पतालों-होम आइसोलेशन में चल रहा है। रैपिड एंटीजन टेस्ट के प्रभारी डॉ. अमित मालाकार के मुताबिक कल रात तक लगभग 21 हजार टेस्टिंग की जा चुकी हैं, जिसमें से 460 पॉजिटिव मिले हैं। अभी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के आधार पर भी ये एंटीजन टेस्टिंग की जा रही है। वहीं फीवर क्लिनिक में जो संदिग्ध मरीज मिलते हैं उनकी भी टेस्टिंग हो रही है, जिससे संक्रमण फैलने से रोका जा सके और जल्द से जल्द पॉजिटिव मरीजों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट, यानी अलग किया जा सके। इधर स्वस्थ हुए मरीजों के घर लौटने का सिलसिला भी जारी है। इंदौर में शासन-प्रशासन द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए उपलब्ध कराई जा रही चिकित्सकीय सुविधाओं और अन्य इंतजामों के फलस्वरूप बेहतर परिणाम मिल रहे हैं। दिन-प्रतिदिन कोरोना मरीज स्वस्थ होकर घरों को लौट रहे हैं। इंदौर में हर आयु वर्ग के मरीज कोरोना को परास्त कर रहे हैं। आज अरबिंदो अस्पताल से एक साथ 106 कोरोना मरीजों को स्वस्थ कर डिस्चार्ज किया गया। इनमें 9 वर्ष से लेकर 86 वर्ष की आयु तक के मरीज शामिल हैं। डिस्चार्ज हुए मरीजों में इंदौर के अलावा अन्य जिलों के मरीज भी हैं। इनमें धार के पांच मरीज, नीमच और मंदसौर के तीन-तीन, उज्जैन, खंडवा और छतरपुर के दो-दो मरीज तथा शाजापुर, उमरिया, आगर-मालवा, बड़वानी, गुना व खरगोन का एक-एक मरीज शामिल है। डिस्चार्ज हुए मरीजों ने अस्पताल से विजयी भाव से विदाई ली। अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें स्वस्थ जीवन और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाओं के साथ विदाई दी। डिस्चार्ज हुए सभी मरीजों ने इलाज में मदद करने वाले डाक्टरों, नर्सों, अन्य स्टाफ आदि को धन्यवाद दिया और शासन-प्रशासन का भी आभार माना। हालांकि दुनियाभर में अभी कोरोना टेस्टिंग की सबसे प्रामाणिक जांच आरटीपीसीआर की ही मानी जाती है। वहीं पिछले दिनों 25 हजार रैपिड किट इंदौर को मिली थीं, जो खत्म होने पर कल रात विशेष वाहन भेजकर भोपाल से और 10 से 12 हजार किट इंदौर मंगवाई गईं। दरअसल ये टेस्टिंग किट कोरिया से आती है और प्रदेश शासन ने बुलवाई है, जिसका उपयोग इंदौर में भी टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने में किया जा रहा है।
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