इंदौर। मध्यप्रदेश के हाईप्रोफाइल हनीट्रैप मामले में गुरुवार सुबह डीआईजी संजय पाण्डे जिला जेल पहुंचे और हनीट्रैप की मुख्य आरोपित के साथ जेलर की सोशल मीडिया पर वायरल फोटो के मामले में जांच शुरू की। वे जिला जेल की महिला बैरक भी पहुंचे, जहां उन्होंने आरोपित के बयान लिये। फिलहाल मामले की जांच जारी है।
बुधवार को दोपहर में सोशल मीडिया पर कुछ फोटो वायरल हुए, जिनमें जिला जेल के जेलर केके कुलश्रेष्ठ हनीट्रैप मामले की मुख्य आरोपित श्वेता विजय जैन से बात कर रहे हैं। जेलर कुर्सी पर बैठे हैं और आरोपित उनके सामने खड़ी हुई है जबकि जेल मैन्युअल के अनुसार कोई भी पुरुष अधिकारी महिला बंदी से किसी महिला कर्मचारी (जेल) कर्मचारी की अनुपस्थिति में बात नहीं कर सकता है। सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होने के बाद जेल डीआईजी संजय पाण्डे ने मामले को गंभीरता से लिया और मामले की जांच के लिए खुद जिला जेल पहुंच गए। हालांकि उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा है कि वे जिला जेल में कोरोना मरीजों के बढ़ने के कारण यहां जांच के लिए आए हैं। साथ ही फोटो वायरल मामले की भी वे जांच कर रहे हैं।
जेलर केके कुलश्रेष्ठ ने वायरल फोटो को उनके खिलाफ किसी की साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि वे एकांत में नहीं बल्कि खुले स्थान पर महिला कर्मचारियों की मौजूदगी में बातचीत कर रहे थे। जेल के भीतर किसी कर्मचारी ने केवल उनकी ही फोटो लेकर साजिश के तहत सोशल मीडिया पर वायरल की है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में पिछले साल सामने हाईप्रोफाइल हनीट्रैप मामले में फंसाकर अधिकारियों और नेताओं से करोड़ों रुपये वसूलने के आरोप में पांच महिलाओं को गिरफ्तार किया था। फिलहाल सभी महिलाएं इंदौर की जिला जेल में बंद हैं और उन्हें महिला बैरक में रखा गया है।
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