कोरोना संकट ने पूरी दुनिया के चेहरे को बदल कर दिया है. इस महामारी के प्रकोप ने हर व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है. कोरोना वायरस से दुनिया लड़ रही है. प्राइवेट से लेकर सरकारी कामकाज सब ठप्प है. सरकार का कामकाज भी ठप्प पड़ा है. वहीं, इसी क्रम में संसद की कार्यवाही पर भी असर होता दिख रहा है. संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से शुरू होकर 1 अक्टूबर को समाप्त होगा, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इसबार का संसद सत्र बिलकुल अलग स्वरूप में दिखेगा. राज्य सभा सचिवालय की जारी अधिसूचना के अनुसार इस बार मानसून सत्र के दौरान कोई प्रश्नकाल नहीं होगा. इस बार सत्र बिना छूट्टी के होगा. हालांकि, शून्य ऑवर अन्य कार्यवाही अनुसूची के अनुसार आयोजित की जाएगी.
दरअसल, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोविड-19 के मद्देनजर संसद के मानसून सत्र के बारे में जानकारी दी थी. जिसमें ये फैसला हुआ था कि सेशन शुरू होने से 72 घंटे के पहले सभी सांसदों का कोरोना वायरस टेस्ट किया जाएगा. सांसदों के अलावा संसद में आने वाले स्टाफ का भी कोरोना टेस्ट होगा. लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि संसद के मानसून सत्र शुरू होने से पहले सभी सांसदों के स्टाफ परिवार का भी कोरोना टेस्ट किया जाएगा. इसके अलावा संसद सत्र के दौरान भी रैंडम टेस्ट किए जाएंगे. सभी सांसदों के टेस्ट करवाने की व्यवस्था संसद परिसर में ही करवाई जाएगी, ये टेस्ट सत्र शुरू होने से पहले ही किए जाएंगे. संसद का सत्र शुरू होने से पहले सेंट्रल हॉल के लिए सभी पास कैंसल कर दिए गए हैं, जिसके लिए सभी इंतजाम किए जाएंगे.
बता दें कि भारतीय संसद के इतिहास में 1952 के बाद पहली बार ऐसा होगा कि लोकसभा राज्यसभा दोनों की कार्यवाही संसद के सेंट्रल हॉल में चलेगी. ऐसा सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करने के लिए किया जा रहा है. कार्यवाही के दौरान लोकसभा, राज्यसभा सेंट्रल हॉल में सदस्य बैठेंगे. अलग-अलग जगहों पर बैठे सांसद मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एक-दूसरे से जुड़ सकेंगे. उनके सामने बड़ी-बड़ी स्क्रीन लगी होगी, जिसके जरिये वह कार्यवाही देख सकेंगे. पहले चार घंटे लोकसभा की कार्रवाई चलेगी फिर चार घंटे राज्यसभा की कार्रवाई चलेगी.
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