नई दिल्ली। वित्त मंत्री एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री निर्मला सीतारमण अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और एनबीएफसी के शीर्ष प्रबंधन के साथ 3 सितंबर को बैठक करेंगी। इस बैठक में वित्त मंत्री बैंक लोन्स में कोरोना संकट की वजह से किए गए उपायों के कार्यान्वयन की समीक्षा करेंगी।
समीक्षा बैठक के दौरान कोविड-19 संकट की वजह से बैंकों की चुनौतियों पर चर्चा होने की संभावनाएं है, जबकि आगे लोन देने को लेकर बैंकों के रोडमैप पर बातचीत होगी। वहीं, कारोबारियों और आम आदमी को कोरोना संकट के बाहर निकालने में बैंक और एनबीएफसी की भूमिका पर भी चर्चा होगी। साथ ही वित्त मंत्री का फोकस कारोबारों और लोगों को व्यवहार्यता के आधार पर राहत उपायों का लाभ दिलाने, बैंक नीतियों को अंतिम रूप देने पर होगा।
इससे पहले केंद्रीय वित्त सचिव और व्यय सचिव के साथ राज्यों के वित्त सचिवों की बैठक एक सितंबर को होनी है। इस बैठक में जीएसटी मुआवजे से संबंधित मुद्दों को सुलझाया जाएगा। वित्त मंत्रालय ने ट्वीट करके बताया था कि राज्यों को जीएसटी मुआवजे के दो विकल्पों के बारे में बता दिया गया है और उन्हें सात दिनों में इस पर अपनी राय देनी है।
उल्लेखीनय है कि कि वित्त मंत्री की ये बैठक ऐसे वक्त में हो रही है, जब 31 अगस्त को 6 महीने की मोरैटोरियम अवधि समाप्त होने जा रही है। वहीं पिछले दिनों आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि कर्ज डूबने के डर से बैंकों को लोन देने का फैसला सही नहीं हो सकता है। बैंकों को लोन देने आनाकानी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने था कहा कि बैंकों को ऐसा सिस्टम तैयार करना चाहिए, जिससे फर्जीवाड़े पर लगाम लग सके। (एजेंसी, हि.स.)
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