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    अब डोकलाम में भारत को घेरने की तैयारी कर रहा चीन

  • August 30, 2020

    नई दिल्ली । चीन डोकलाम के पास दो जगह मिसाइल प्लेटफ़ॉर्म बनाने के साथ ही दो एयर डिफेन्स सिस्टम भी लगाए हैं। इसमें से एक डोकलाम में उस विवादित इलाके को कवर करेगा, जहां 2017 में भारत के साथ 73 दिनों तक टकराव हुआ था। इसी तरह दूसरा सिस्टम उत्तरी सिक्किम में नाकू ला इलाके को अपने घेरे में लेगा जहां से भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच संघर्ष की पहली घटना के साथ मौजूदा टकराव की शुरुआत हुई थी। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पूर्वी खंड पर एयर डिफेन्स सिस्टम लगाने से भारत और चीन के बीच लद्दाख के पश्चिमी क्षेत्र में और तनाव बढ़ने की आशंका है। इतना ही नहीं चीन अब भी डोकलाम सीमा विवाद पर समझौते के लिए भूटान पर दबाव बना रहा है, जिसके तहत बीजिंग इस विवादित क्षेत्र में चीनी नियंत्रण रेखा बनाना चाहता है।

    सेटेलाइट की ताजा तस्वीरों से डोकलाम के पास दो जगह मिसाइल प्लेटफ़ॉर्म बनाने और दो एयर डिफेन्स सिस्टम लगाने का खुलासा हुआ है। भू-राजनीतिक खुफिया प्लेटफॉर्म @SimTack और @detresfa_ के संयुक्त अध्ययन में बताया गया है कि यह स्थान डोकलाम में चीन, भूटान और भारत त्रिकोणीय जंक्शन के पास है, जहां 2017 में चीन और भारत की सेनाएं 73 दिनों तक आमने-सामने रही थीं। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने एयर डिफेन्स सिस्टम विवादित स्थल से लगभग 50 किमी. दूर लगाया है। यह ऐसी जगह है जहां से चीन का एयर डिफेन्स सिस्टम विवादित इलाकों के आसपास मौजूद अन्य एयर डिफेंस सिस्टम को प्रभावित करके बंद कर देगा। इसी तरह सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्लेटफ़ॉर्म का निर्माण मई 2020 से किया जा रहा है। हालांकि भारत पहले ही डोकलाम और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में चीनी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए नियमित रूप से निगरानी मिशन चला रहा है।

    इसी तरह दूसरा सिस्टम उत्तरी सिक्किम में नाकू ला को अपने घेरे में लेगा जहां से भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच संघर्ष की पहली घटना हुई थी। चीन के साथ मौजूदा टकराव की शुरुआत उत्‍तरी सिक्किम के नाकू ला सेक्‍टर में 9 मई को झड़प के साथ हुई थी, जिसे स्थानीय स्तर पर ही सुलझा लिया गया था। उस समय सेना की पूर्वी कमान ने एक बयान में स्वीकार किया था कि दोनों पक्षों की तरफ से आक्रामक रवैया रहा, जिस कारण दोनों पक्षों के सैनिक मामूली रूप से घायल हो गए। नाकु ला क्षेत्र पांच हजार मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित है, जो सड़क मार्ग से जुड़ा नहीं है। चीन अभी भी पूर्वी क्षेत्र में भारत की रणनीतिक सुविधाओं वाले असम के तेजपुर एयरबेस और ओडिशा में अब्दुल कलाम द्वीप समूह पर सतर्क नजर रखे हुए है।

    भारत से चीन का डोकलाम विवाद इसी ट्राई-जंक्शन के पास हुआ था जहां भारत, चीन और भूटान की सीमा मिलती है। चीन के एकतरफा ट्राई-जंक्शन बदलने को भारत 2012 के एक आपसी समझौते का उल्लंघन मानता है। इस मामले पर भले ही भारत और चीन की सेनाएं 73 दिनों तक आमने-सामने रहने के बाद हट गई थीं लेकिन पीएलए ने उन क्षेत्रों पर अपना वर्चस्व अभी भी कायम रखा है। इसी का नतीजा रहा कि चीन ने विवादित स्थल को छोड़ दूसरे रास्ते से दक्षिण डोकलाम तक पहुंचने के लिए 1.3 किलोमीटर लंबी नई सड़क बना ली। इसके बाद चीन ने दो पुरानी सड़कों की मरम्मत करने के साथ ही भारतीय गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इन इलाकों के आसपास दो निगरानी प्रणाली और हाई फ्रीक्वेंसी के कैमरे भी लगाये हैं। चीन अभी भी विवादास्पद क्षेत्र में चीनी नियंत्रण रेखा बनाने के लिए ​डोकलाम सीमा विवाद पर समझौते का भूटान पर दबाव बना रहा है।

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