कोलकाता। भाजपा के महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ‘करेंगे या मरेंगे’ के स्लोगन पर हमला बोलते हुए कहा, “लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य से बंगाल में राजनीतिक हिंसा हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी हिंसा में विश्वास करती हैं। राज्य में अगले चुनावों का आधार होगा कि बंगाल के लोग हिंसा चाहते हैं या इससे छुटकारा पायेंगे।
विजयवर्गीय हेमताबाद के दिवंगत विधायक देवेंद्रनाथ राय के घर श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए। उनके परिजनों से मुलाकात कर उन्हें विश्वास दिलाया कि उनकी शहादत निरर्थक नहीं जायेगी। हत्याओं को राज्य की जनता सजा देगी। उन्होंने कहा, “वे बंगाल में हिंसा रोकेंगे। वे स्वच्छ राजनीति के पक्ष में हैं। उन्होंने विश्वास के साथ कहा कि राज्य में अगली सरकार भाजपा की होगी। उन्होंने कहा कि उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी जो तृणमूल के साथ मिलकर भाजपा नेताओं की हत्या कर रहे हैं और हत्या को आत्महत्या करार दे रहे हैं।
ममता बनर्जी द्वारा जेइइ व नीट परीक्षा का विरोध करने पर विजयवर्गीय ने कहा, “ममता जी ने छात्रों को अच्छी तरह से नहीं समझा है। बंगाल शिक्षा में आगे था, वह अब पिछड़ रहा है क्योंकि, वर्तमान सरकार को शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कोई इच्छा नहीं है। वे सिर्फ राजनीति करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत छात्र चाहते हैं कि परीक्षा हो। उन्होंने कहा, “ओडिशा में भाजपा की सरकार नहीं है, लेकिन सरकार परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचने और पहुंचाने की व्यवस्था कर रही है। लेकिन बंगाल की सरकार ऐसा नहीं कर पा रही है। मुख्यमंत्री को बंगाल के छात्रों की कोई चिंता नहीं है।
कोरोना से हो रही मौत के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, “मुख्यमंत्री ने तब लॉकडाउन नहीं किया, जबक इसकी जरूरत थी। उन्होंने उस समय राजनीति की थी। नतीजतन कोरोना राज्य में नियंत्रण से बाहर हो गया है। (एजेंसी, हि.स.)
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