भोपाल। प्रदेश के एक दर्जन से ज्यादा जिलों में सोयाबीन की फसल संक्रमण की वजह से नष्ट हो गई है। कई जिलों में किसान फसल नुकसान का सर्वे की मांग को लेकर सड़क पर उतर रहे हैं। कई जिलों के किसानों ने देवास एवं इंदौर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर फसल नुकसान की स्थिति बनाई। जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट की घड़ी में सरकार किसानों के साथ खड़ी है। जल्द ही सर्वे शुरू होगा और नुकसान की भरपाई फसल बीमा एवं राहत राशि से की जाएगी। जिन जिलों में फसलों का नुकसान हुआ है , वहां जायजा लेने के लिए मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारी जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह समय संकट का है। कोरोना की महामारी के कारण अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है। एक बड़ी राशि कोरोना मरीजों के इलाज में खर्च की जा रही है। ऐसे समय में भी प्रदेश सरकार किसानों को फसल नुकसान का पर्याप्त मुआवजा देगी। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि फसल बीमा योजना में पंजीयन कराने की अंतिम तिथि 31 अगस्त तक बढा दी है। जिला प्रशासन को निर्देश दिये की अंतिम तिथि से पूर्व ऋणि एवं अऋणी सभी प्रकार के किसानों का बीमा प्राथमिकता से कराये।
6 सितंबर को 4500 करोड़ का बीमा
मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 सौ करोड़ रूपये की फसल बीमा की राशि किसानों के खाते में डाली गई है। साथ ही 6 सितम्बर तक 19 लाख किसानों के खातों में 4 हजार 500 करोड रूपये की राशि डाली जायेगी। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पडऩे पर कर्ज लेकर भी सरकार यह कार्य करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अब प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर जाकर किसानों की समस्याओं से अवगत होंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की हर समस्या का समाधान किया जायेगा।
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