भोपाल। प्रदेश में सरकार ने नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। वार्ड आरक्षण का काम जिलों में तेजी के साथ चल रहा है। इसी के तहत भोपाल नगर निगम के 85 वार्डों के आरक्षण 29 अगस्त को होंगे। इसको देखते हुए कांग्रेस आगामी नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी में जुट गई है। एक तरफ जहां चुनाव लडऩे की मंशा रखने वाले नेताओं ने वार्डों में सक्रियता बढ़ा दी है, वहीं बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत किया जा रहा है। पार्टी ने सभी निकायों में यह संदेश भिजवा दिया है कि सर्वे के आधार पर ही टिकट दिया जाएगा। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, निगम चुनाव को लेकर वार्डवाइज एक सर्वे जल्द ही पार्टी कराएगी। इसमें जिस नेता का नाम आएगा, उसे ही टिकट देने की सिफारिश की जाएगी। दावेदारी करने के बावजूद जिनका नाम सर्वे में नहीं आएगा, उन्हें चुनाव लडऩेे के बजाय संगठन का काम करना होगा और पार्टी जिसे उम्मीदवार बनाएगी, उसे जिताना होगा।
सीमा में परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश सरकार नगरीय निकायों की सीमा में परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी कर चुकी है। कमल नाथ सरकार ने जिन 22 नगर परिषदों को अधिसूचना निरस्त करके ग्राम पंचायत बना दिया था, उन्हें फिर से नगर परिषद बनाया जा चुका है। इन निकायों की मतदाता सूची बनाने के लिए राज्य चुनाव आयोग ने कलेक्टरों को जो आदेश दिए थे, वे स्थगित कर दिए गए हैं। शिवराज सरकार ने पिछले कार्यकाल में विभिन्न पंचायतों को मिलाकर 22 नगर परिषद बनाई थीं। कांग्रेस सरकार ने आते ही राजनीतिक दृष्टिकोण से इस फैसले को निरस्त कर दिया था। वहीं, नगरीय निकाय चुनाव प्रणाली में भी बदलाव करके महापौर और नगर पालिका व नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव पार्षद के माध्यम से करने के लिए अधिनियम में संशोधन किया था। भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए इसका विरोध किया था। पुन: सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अधिनियम में फिर से संशोधन करके पुरानी व्यवस्था बहाल करने के निर्देश दिए हैं।
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