– डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
देश में एक जिला एक उत्पाद योजना सर्वप्रथम उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने लागू की थी। इसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर लोगों को स्वाबलम्बी बनाना था। इसी के साथ योगी सरकार ने केंद्र की स्टार्ट अप स्टैण्ड अप इण्डिया तथा मेक इन इण्डिया योजना को भी प्रभावी ढंग से लागू किया। इन प्रयासों को बेहतर ढंग से संचालित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिडबी के नये भवन का ऑनलाइन शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि इस भवन के निर्मित हो जाने से प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर से जुड़े कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने तथा स्टार्ट अप की स्थापना करने में सहूलियतें प्राप्त होंगी। नवप्रवर्तन तथा उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार राज्य के युवाओं को रोजगार आकांक्षी के बजाए रोजगार प्रदाता बनने हेतु प्रोत्साहित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा एक अभिनव योजना एक जनपद एक उत्पाद योजना लागू की गयी है। यह एमएसएमई सेक्टर के लिए गेम चेन्जर का काम कर रही है। भारत सरकार ने भी ओडीओपी को स्वयं के अभियान का हिस्सा बनाकर प्रत्येक राज्य को इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया है। देश की अर्थव्यवस्था में उत्तर प्रदेश के एमएसएमई सेक्टर बहुत बड़ी भूमिका थी। एकबार फिर से अपनी उन जड़ों को तलाशने की आवश्यकता है। फण्ड आफ फण्ड्स की व्यवस्था हेतु शासन द्वारा सिडबी के साथ समझौता ज्ञापन का औपचारिक आदान-प्रदान भी किया गया था।
योगी ने निवेश व रोजगार में सहायता प्रदान करने वाले वेब पोर्टल का भी लोकार्पण किया। यह भी आत्मनिर्भर भारत अभियान में सहायक होगा। वैसे योगी आदित्यनाथ ने आत्मनिर्भर भारत अभियान में यूपी की भूमिका व योगदान का निर्धारण किया था। इसके अनुरूप उनकी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इन्वेस्टर्स समिट, एक जिला एक उत्पाद, स्टार्ट अप,मेक इन इंडिया की दिशा में पहले ही प्रयास चल रहे थे। इसी क्रम में योगी आदित्यनाथ ने प्रवासी भारतीयों के सहयोग की भी कार्ययोजना बनाई थी। पिछले तीन वर्षों में इसके दृष्टिगत भी कदम उठाए गए। प्रदेश में निवेश प्रोत्साहन की दिशा में विभिन्न विभागों द्वारा चलाए जा रहे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और निवेशोन्मुखी नीतियों का विदेशों में बसे प्रवासी भारतीयों में प्रचार-प्रसार इस वेब पोर्टल के माध्यम से हो सकेगा।
इस वेब पोर्टल में एनआरआई कनेक्ट का एक लिंक भी है, जिसमें निवेश से जुड़े विभिन्न विभाग शामिल रहेंगे। योगी आदित्यनाथ ने प्रवासी भारतीय विभाग, उत्तर प्रदेश के इस एकीकृत वेब पोर्टल का शुभारम्भ किया। उन्होंने पहले किये गए प्रयासों का भी उल्लेख किया। कहा कि गत वर्ष पन्द्रहवें प्रवासी भारतीय वृहद आयोजन वाराणसी में सफलतापूर्वक किया गया था। जिसमें साढ़े सात हजार से अधिक प्रवासी भारतीयों की सहभागिता रही। ये सभी प्रतिनिधि उस समय चल प्रयागराज कुम्भ में भी शामिल हुए थे। इन आयोजनों से उत्तर प्रदेश के विषय में प्रवासी भारतीयों में अच्छी धारणा विकसित हुई।
प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन ने प्रवासी भारतीयों को उत्तर प्रदेश में उनकी जड़ों से जोड़ने का कार्य किया है। प्रयागराज के इस कुम्भ में चौबीस करोड़ लोग शामिल हुए थे। जबकि इसके छह वर्ष पहले हुए कुम्भ में बारह करोड़ लोग ही आये थे। योगी सरकार के प्रयासों से प्रयागराज कुम्भ में अनेक कीर्तिमान स्थापित हुए। इसी प्रकार अयोध्या के दीपोत्सव, बरसाने की होली, काशी की देव दीपावली के आयोजन प्रारम्भ किए गए। इनसे उत्तर प्रदेश में पर्यटन बढ़ा और लोगों की धारणा बदली। इन सबसे उत्तर प्रदेश को एक नई पहचान मिली।
कोरोना आपदा के समय भी उत्तर प्रदेश में अनेक उल्लेखनीय कार्य किये गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान चालीस लाख श्रमिक कामगारों की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित की गई। यह श्रमिक व कामगार यहां पर रहकर उत्तर प्रदेश के विकास में योगदान दे रहे हैं। विभिन्न देशों में रोजगार के लिए उत्तर प्रदेश मूल के प्रवासी कामगारों के डाटा बेस का समावेश वेब पोर्टल में किया जाएगा। जिससे किसी प्रकार की असुविधा होने पर इन कामगारों को सहयोग व सहायता प्रदान की जा सके। विदेशों में रोजगार हेतु जाने वाले कामगारों में सर्वाधिक भागीदारी उत्तर प्रदेश की है। इन कामगार प्रवासी भारतीयों की समस्याओं का समाधान नवनिर्मित वेब पोर्टल के माध्यम से हो सकेगा। प्रवासी भारतीयों की तीन-चार पीढ़ियां वहां पर रही हैं। ऐसे लोग अपनी जड़ों से जुड़ने के साथ-साथ प्रदेश में निवेश के इच्छुक हैं। इन लोगों को एकीकृत वेब पोर्टल से मदद मिलेगी।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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