इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान आज 10 मंजिला सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल का लोकार्पण कर रहे हैं और उसी दौरान उनके समक्ष इंदौर के 85 वार्डों में पिछले दिनों किए गए सीरो सर्वे के परिणामों का प्रजेंटेशन दिया जाएगा। 7 हजार सैम्पल लिए गए थे। इससे यह पता लगाया जाएगा कि कितने प्रतिशत इंदौरियों में कोरोना से लडऩे की एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है। इस प्रजेंटेशन में दिल्ली से आई एनसीडीसी के विशेषज्ञ भी मौजूद रहेंगे और फिर मुख्यमंत्री ही सीरो सर्वे के परिणाम घोषित भी करेंगे। शहर के बाद संभव है कि ग्रामीण क्षेत्रों में यह सर्वे करवाया जाए।
कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक विशेषज्ञ हार्ड इम्युनिटी को भी इससे लडऩे का एक बड़ा हथियार मान रहे हैं। दिल्ली में इस सीरो सर्वे के परिणाम बेहतर रहे और उसी तर्ज पर इंदौर में भी कलेक्टर मनीष सिंह ने पहल की और शासन ने इसकी अनुमति दी और नेशनल सेंटर फॉर डिसीस कंट्रोल यानी एनसीडीसी के मार्गदर्शन और आईसीएमआर गाइडलाइन के तहत पिछले दिनों शहर के 85 वार्डों में यह सीरो सर्वे करवाया गया। इसका उद्देश्य यह है कि कितने प्रतिशत आबादी में कोरोना से लडऩे की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी एंटीबॉडी विकसित हो गई है। कई लोग ऐसे हैं जो संक्रमण होने से इसलिए बच गए क्योंकि उनकी इम्युनिटी अच्छी है। इस सर्वे में महिला, पुरुषों के अलावा बच्चों के भी सैम्पल लिए गए। लगभग 7 हजार सैम्पलों की जांच एमजीएम मेडिकल कॉलेज की लैब में ही शुरू करवाई गई, जो पूरी भी हो गई है। मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. ज्योति बिंदल के मुताबिक टेस्टिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई और आज इसके परिणाम भी सामने आ जाएंगे। दिल्ली से भी एनसीडीसी के विशेषज्ञ इस अवसर पर मौजूद रहेंगे और बकायदा इसका पूरा प्रेजेंटेशन तैयार किया गया है। उल्लेखनीय है कि आज सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल का लोकार्पण होना है और वहीं पर यह सीरो सर्वे का प्रेजेंटेशन रखा गया है, जिसमें मिले परिणामों का खुलासा मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा। अभी तो शहरी क्षेत्र के 85 वार्डों में ही यह सर्वे करवाया गया है, लेकिन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब लगातार कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है और रोजाना मरीज मिल रहे हैं। लिहाजा संभव है कि यह सर्वे ग्रामीण क्षेत्रों में भी आने वाले दिनों में करवाया जाए। इस सर्वे के परिणामों से यह खुलासा होगा कि शहरी क्षेत्र की कितनी आबादी में कोरोना से लडऩे की एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है, ताकि उसके आधार पर आगे सर्वे-इलाज और कोरोना संक्रमण की संभावनाओं के मद्देनजर शासन-प्रशासन प्लानिंग कर सकेगा। अभी बीते कुछ दिनों से लगातार कोरोना मरीजों की संख्या इंदौर में बढ़ती रही है। 150 से 250 के बीच रोजाना मरीज मिल रहे हैं और कुल पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 12229 तक जा पहुंचा है और 2 लाख 5 हजार से अधिक सैम्पलों की टेस्टिंग भी अब तक करवाई जा चुकी है। 8610 मरीज स्वस्थ हो गए और फिलहाल 3240 मरीजों का अस्पतालों और घरों में इलाज चल रहा है।
अभी कोरोना मरीजों के ही काम आएगा सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल
एमवाय के बाद यह पहला सरकारी अस्पताल गरीबों के इलाज के लिए मिल रहा है। वैसे तो यहां पर कार्डियक सर्जरी, सर्जिकल रेस्टो एंटोलॉजी, न्यूरोलॉजी, आर्गन ट्रांसप्लांट सहित कई गंभीर बीमारियों का इलाज होना है। लेकिन अभी कोरोना संक्रमण के चलते फिलहाल यहां अस्थायी रूप से कोरोना मरीजों का ही इलाज किया जाएगा। तब तक अन्य सुविधाएं भी धीरे-धीरे जुटती जाएंगी। 402 बिस्तरों के इस अस्पताल के जनरल वार्ड में 208 बिस्तर रहेंगे। 6 आईसीयू, आपातकालीन, प्राइवेट और सेमिप्राइवेट वार्ड रखे गए हैं। लगभग 237 करोड़ की लागत इस अत्याधुनिक सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल पर आई है। अभी यहां 112 मेडिकल ऑफिसर, 253 नर्स, 204 सफाईकर्मी, 102 सुरक्षाकर्मी और 24 डॉक्टरों के पद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वीकृत भी कर दिए हैं। अब कोरोना मरीजों के लिए इलाज की एक और अच्छी सुविधा मिल जाएगी। अभी तक अनुबंधित और सरकारी अस्पतालों पर ही निर्भरता थी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved