नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर लगातार निशाना साधने वाली कांग्रेस पार्टी अब भविष्य की तैयारियों में लग गई है। अगले माह (सितंबर) की 14 तारीख से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र को लेकर कांग्रेस ने अभी से मोर्चाबंदी शुरू कर दी है। इस दिशा में पार्टी लगातार संसद के दोनों सदनों में नियुक्तियां करने तथा समितियां गठित करने में लगी है।
कांग्रेस में जारी आंतरिक मतभेद के बीच संसद में सुचारू कामकाज के लिए पार्टी ने 10 सदस्यीय समिति का गठन किया है। इसके तहत राज्यसभा के लिए बनाई गई समिति में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, अहमद पटेल, जयराम रमेश और केसी वेणुगोपाल को रखा गया है। जयराम रमेश को राज्यसभा में पार्टी का मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है।
जबकि लोकसभा के लिए बनी कांग्रेस समिति में अधीर रंजन चौधरी, के. सुरेश, गौरव गोगोई, रवनीत बिट्टू और मणिकम टैगोर शामिल हैं। गौरव गोगोई को लोकसभा में पार्टी का उप नेता भी नियुक्त किया गया है। यह पहली बार है जब कांग्रेस ने लोकसभा में उपनेता तय किया है। इसके पहले गौरव लोकसभा में पार्टी के सचेतक थे। अब गौरव की जगह लोकसभा में पार्टी के सचेतक की जिम्मेदारी लुधियाना से सांसद रवनीत बिट्टू संभालेंगे। फिलहाल अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में कांग्रेस के नेता और के. सुरेश मुख्य सचेतक हैं।
वहीं बीते दिन बुधवार को कांग्रेस ने केंद्र सरकार की ओर से जारी होने वाले अध्यादेशों पर चर्चा करने तथा पार्टी का रुख स्पष्ट करने के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था। इस समिति में दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश, पी. चिदंबरम, डॉ अमर सिंह और गौरव गोगोई को सदस्य बनाया गया था। जबकि जयराम रमेश को समिति के समन्वयक की भूमिका सौंपी गई थी।
उल्लेखनीय है कि आगामी 14 सितंबर से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। केंद्र सरकार ने संसद के इस सत्र में पास होने के लिए 11 महत्वपूर्ण अध्यादेश सूचीबद्ध किया है। ऐसे में केंद्र सरकार को घेरने तथा अध्यादेशों पर कांग्रेस की तरफ से जवाब देने के लिए ही कांग्रेस पार्टी ने कमर कसी है। (एजेंसी, हि.स.)
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