रामेश्वर धाकड़
भोपाल। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिय अब पूरी तरह से भगवा रंग में रंग चुके हैं। वे अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा के विचार को तेजी से आत्मसात करने में लग गए हैं। निकट भविष्य में इसका प्रभाव सिंधिया के व्यक्तिगत भी दिखाई देगा। हाल ही में ग्वालियर में भाजपा के सदस्यता अभियान में हिस्सा लेनेे के बाद सिंधिया भाजपा के पितृ संगठन संघ मुख्यालय नागपुर पहुंचे। जहां उन्होंने संघ के आला पदाधिकारियों से मुलाकात की है। सिंधिया के नागपुर प्रवास ने भाजपा के शीर्ष नेताओं का ध्यान खींचा है। क्योंकि भाजपा में यह साफ है कि पार्टी में बहुत आगे तक जाने का रास्ता नागपुर होकर ही जाता है। यही वजह है कि सिंधिया ने नागपुर से रिश्तों की डोर मजबूत करना शुरू कर दी है। सिंधिया पहली बार संघ मुख्यालय में पहुंचे। जहां उन्होंने संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत समेत अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों से मुलाकात की है। अब भाजपा नेताओं की नजर सिंधिया के अगले कदम पर है। भाजपा में आने के बाद सिंधिया अपनी दादी राजमाता सिंधिया के योगदान को भी भुना रहे हैं। जिसका फायदा उन्हें संघ से मजबूत रिश्ते स्थापित करने में भी मिलेगा। इससे पहले सिंधिया ग्वालियर में भाजपा के सदस्यता अभियान में काफी सक्रिय रहे। भाजपा के अन्य किसी नेता ने कांगे्रस और उसके नेताओं पर इतना तीखा हमला नहीं किया, जितना सिंधिया ने किया था। तीन दिन तक अलग-अलग कार्यक्रमों में सिंधिया शामिल हुए, उनके निशाने पर कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ही रहे। कांग्रेस हाईकमान पर भी उन्होंने निशाना साधा था।
पहली बार महल का विरोध
ग्वालियर-चंबल की राजनीति महल के इर्द-गिर्द ही घूमती थी। क्योंकि आजादी के बाद से लेकर सिंधिया के भाजपा में शामिल होने तक सिंधिया परिवार दोनों प्रमुख दल कांग्रेस और भाजपा में सक्रिय रहा है। इस वजह से न कांग्रेसी और न ही भाजपाई सिंधिया परिवार पर तीखा हमला कर पाते थे। अब कांग्रेस में सिंधिया परिवार का कोई नहीं है। दोनों बुआ बसुंधरा और यशोधरा भी भाजपा में ही हैं। यही वजह है कि ग्वालियर में अब सिंधिया विरोधी गद्दार कहकर महल की दीवारें हिला रहे हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved