भोपाल। प्रदेश के पिछड़े इलाकों की सूरत अगले तीन साल के भीतर बदल जाएगी। ये इलाके नए राष्ट्रीय राजमार्गों से जुडऩे जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों का जाल विछेगा। जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में 11 हजार 427 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली 1361 किमी लंबाई की 45 सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया है। ये सभी परियोजनाएं 2023 तक पूरी होने का लक्ष्य है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि नई सड़क परियोजनाएं मप्र के पिछड़े इलाकों को जोड़ेंगी। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा कि मप्र सरकार इन क्षेत्रों में लघु एवं सूक्ष्य उद्योगों के विस्तार देने का काम करे। इससे जुड़े प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे जाएं। गडकरी ने कहा कि वे केंद्र में सड़क परिवहन मंत्रालय के साथ ही लघु एवं सूक्ष्य उद्योग विभाग के मंत्री भी हैं। ऐसे में उनकी कोशिश है कि राष्ट्रीय राजमार्गों को जोडऩे वाले क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा हो। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मप्र सरकार इस दिशा में त्वरित रूप से काम शुरू करने जा रही है। उन्होंने केन्द्रीय सड़क निधि से जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों पर 700 करोड़ रूपए के कार्यों के लिए सहमति प्रदान की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में हस्तशिल्प विकास और पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए उनका मंत्रालय अधिकतम सहयोग प्रदान करेगा। अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिले और वे प्रदेश के विकास में सहभागी बनेंए इसके लिए मध्यप्रदेश के प्रोजेक्ट मंजूर करने में विलंब नहीं होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि परियोजनाओं से राज्य के मुख्य शहरों से ग्रामीण क्षेत्र तक पहुंच आसान होगीए पर्यटन में वृद्धि होगी, रोजगार निर्माण और किसानों एवं व्यापारियों के साथ ही आम नागरिकों के समय, ऊर्जा और धन की भी बचत हो सकेगी।
ये हैं बड़े मार्ग
10 हजार करोड़ की लागत वाले पांच बड़े मार्गों में राष्ट्रीय मार्ग उज्जैन-झालावाड़ 132 किमी, सागरटोला-कबीर चबूतरा 45 किमी, बुदनी-रहेटी-नसरुल्लागंज 43 किमी, इन्दौर-सनावद-बारेगांव136 किमी और बोरगांव-बुरहानपुर-अकोला 174 किमी शामिल हैं। गडकरी ने बताया कि भारतमाला योजना के अंतर्गत चंबल अटल प्रोग्रेस-वे के लिए शीघ्र ही आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। दिल्ली-मुम्बई कॉरीडोर एक लाख करोड़ लागत से बनेगा और समय एवं ईंधन की बड़ी बचत में उपयोगी रहेगा। दिल्ली से मुम्बई 12 घंटे में पहुंचना संभव होगा। वर्ष 2023 के पूर्व इसे निर्मित करने का लक्ष्य है। यह विश्व का सर्वाधिक लम्बाई का एक्सप्रेस हाईवे होगा।
मप्र में एमएसएमई सेक्टर का रोडमैप तैयार: शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे ऐसे जननेताओं का अभिनंदन करना चाहते हैं। केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने प्रदेश में उनके मंत्रालय से जुड़े किसी भी कार्य के लिए स्वीकृति देने में इंकार नहीं किया, बल्कि बिना देर किए मंजूरियां दी हैं। मुख्यमंत्री ने गडकरी को जानकारी दी कि आज ही आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का ड्राफ्ट फायनल हुआ है। मध्यप्रदेश में जलीय परिवहन के संबंध में विचार किया जा रहा है। ओंकारेश्वर और इंदिरा सागर जलाशयों के पर्यटन संबंधी उपयोग के साथ ही एमएसएमई सेक्टर में नवीन गतिविधियों का रोडमैप बनाया गया है। प्रदेश के औद्योगिक विकास को इससे बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि रामवन गमन पथ के लिए भी केन्द्र सरकार से सहयोग की अपेक्षा है। वर्तमान में इस मार्ग के एक हिस्से मैहर.सतना.चित्रकूट की 121 किमी की स्वीकृति मिली है। इसी तरह जिलों में ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर्स प्रारंभ करने, इंदौर जबलपुर में बीओटी मॉडल पर लॉजिस्टिक हब की शुरूआत के लिए पूर्ण सहयोग की आशा है।
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