पटना। देश के 45 लाख छात्र नीट, जेईई और एंटीए की परीक्षा को लेकर परेशान हैं। इनमें से 11 लाख बिहार के बच्चे हैं। कोरोना के कारण मार्च से अभी तक स्कूल और कॉलेज बंद हैं। यातायात बन्द है। छात्र परेशान हैं। कोई सुध लेने वाला नहीं है। बाढ़ और कोरोना से बिहार का बुरा हाल है, लेकिन यह छात्र विरोधी केंद्र और राज्य सरकार बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। कोचिंग संस्थाओं के हाथों केंद्र सरकार बिक चुकी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है की कोचिंग माफिया हमारे बच्चों का भविष्य तय कर रहे हैं। सरकार इन कोचिंग माफियाओं के इशारे पर हमारे बच्चों के जीवन और भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। ये बातें जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने प्रेस कांफ्रेंस में कही।
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के पास कोरोना और बाढ़ से लड़ने के लिए पैसे नहीं हैं। लोग बाढ़ और कोरोना से मर रहे हैं। कोरोना से बिहार के अब तक 21 डॉक्टरों की ऑन ड्यूटी मौत हो चुकी है। लेकिन, हमारे प्रधानमन्त्री मोर नचा रहे हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आधुनिक तकनीक से लैस 2500 की क्षमता वाला चुनावी हॉल तैयार किया हैं। यह बिहार की जनता के साथ क्रूर मजाक है। कोरोना काल में बिहार का चुनाव स्थगित होना चाहिए।
पप्पू यादव ने कहा की पटना से लेकर समूचे बिहार में मौत का नंगा तांडव हो रहा है। एके 47 और कार्बाइन से रोज मर्डर हो रहे हैं। क़ानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। छोटी बच्ची से लेकर अधेड़ महिला से दुष्कर्म हो रहा है। बाढ़ और कोरोना से डरा बिहार अपराधियों के भय से सहमा हुआ है। चुनाव जीतने के लिए दंगा कराने का प्रयास किया जा रहा है। मेरी मांग है की दरभंगा में दंगा से प्रभावित पीड़ितों को 10 लाख का आर्थिक सहयोग दिया जाए। साथ ही दंगा के कारणों की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन हो। (एजेंसी, हि.स.)
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