भोपाल। ग्वालियर-चंबल की सियासत में ग्वालियर राजघराना (सिंधिया परिवार)राजनीति का सबसे बड केंद्र हैं। कांग्रेस एवं भाजपा के कई नेता महल के समर्थन और विरोध में खड़े होकर ही राजनीति में आगे बढ़े हैं। इनमें भाजपा के वरिष्ठ नेता जयभान सिंह पवैया भी शामिल हैं। जो सिंधिया परिवार के क_र विरोधी रहे हैं और महल पर आरोप लगाकर वे राजनीति में आगे बढ़े हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद पवैया नाराज चल रहे थे। ग्वालियर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री ने पवैया से आधे घ्ंाटे तक बंद कमरे में चर्चा की। बाहर निकलकर पवैया सिंधिया से मिले। पवैया अपनी 40 साल के राजनीति जीवन में पहली बार सिंधिया से मिले हैं। निकट भविष्य में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में जयभान सिंह पवैया अब सिंधिया समर्थकों के लिए प्रचार भी करेंगे और वोट भी मांगेंगे। पवैया ग्वालियर विधानसभा सीट से पिछला चुनाव लड़े थे, लेकिन सिंधिया समर्थक प्रद्युम्र सिंह तोमर से वे चुनाव हार गए थे। अब तोमर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। विधानसभा उपचुनाव में वे ग्वालियर सीट से भाजपा प्रत्याशी होंगे। जिनके प्रचार के लिए जयभान सिंह पवैया भी जाएंगे। जयभान सिंह पवैया ग्वालियर-चंबल में सिंधिया परिवार के कट्ठर विरोधी रहे हैं। वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया के विरोध भी रहे और उनके खिलाफ चुनाव भी लड़े थे। पवैया माधवराव से भी कभी नहीं मिले थे।
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