वाशिंगटन । अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने चर्चित यूएस पोस्टल सर्विस विधेयक को पारित कर दिया है। डेमोक्रेटिक पार्टी के बहुमत वाले सदन ने पोस्टल सर्विस को 25 बिलियन अमरीकी डालर प्रदान करने के लिए विधेयक को भारी बहुमत से पारित किया है। प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन पार्टी ने इसका जमकर विरोध किया है। इसके साथ ही अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के पूर्व पोस्टल सर्विस विधेयक को लेकर घमासान शिखर पर पहुंच गया है। इसके बाद अब कहा जा रहा है कि हो सकता है इस विधेयक पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करें।
गौरतलब है कि 435 सदस्यों वाले प्रतिनिधि सभा में इस विधेयक के पक्ष 257 और इसके विरोध में 150 मत पड़े। अब यह विधेयक कांग्रेस के उच्च सदन यानी सीनेट में रखा जाएगा, जहां रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है। इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप इस विधेयक पर हस्ताक्षर करेंगे, लेकिन ट्रंप ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि वह स्पीकर के पक्षपातपूर्ण कानून पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे।
बता दें कि राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बिना कोई विधेयक अंतिम रूप नहीं ग्रहण कर सकता है, भले ही वह उच्च सदन में भी पारित हो गया हो। राष्ट्रपति चाहे तो किसी भी विधेयक पर अपना वीटो लगा सकता है। यह उसका संवैधानिक विवेकाधिकार है। इस बीच व्हाइट हाउस ऑफ मैनेजमेंट एंड बजट ने कहा है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को कानून को वीटो करने की सलाह देगा।
ज्ञात हो कि अमेरिकी हाउस ऑफ रेप्रेसेंटेटिव अमेरिकी कांग्रेस का निचला सदन है। सदन की रचना संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान के अनुच्छेद एक द्वारा स्थापित की गई है। इसके प्रतिनिधि सीधे जनता द्वारा निर्वाचित होते हैं। प्रत्येक जिले से एक प्रतिनिधि चुना जाता है। मतदान प्रतिनिधियों की कुल संख्या कानून द्वारा 435 तय की गई है। 2010 की जनगणना के अनुसार सबसे बड़ा प्रतिनिधिमंडल कैलिफोर्निया का है, जिसमें 53 प्रतिनिधि हैं। सात राज्यों में केवल एक प्रतिनिधि है- अलास्का, डेलावेयर, मोंटाना, नॉर्थ डकोटा, साउथ डकोटा, वर्मोंट और व्योमिंग। सदन संघीय कानून के पारित होने के लिए जिम्मेदार है, जिसे बिल के रूप में जाना जाता है। इसे सीनेट द्वारा सहमति के बाद राष्ट्रपति को विचार के लिए भेजा जाता है।
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