नई दिल्ली. हिंदी भाषा को लेकर तमिलनाडु में एक बार फिर सियासत गर्मा गई है. डीएमके सांसद कनिमोझी (Kanimozhi) ने शनिवार को आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा (AYUSH secretary Vaidya Rajesh Kotecha) को निलंबित करने की मांग की है. कोटेचा ने हाल ही में एक मिनिस्ट्री सेशन के दौरान गैर-हिंदी प्रतिभागियों को मंत्रालय के प्रशिक्षण सत्र को छोड़कर जाने के लिए कहा था. राजेश कोटेचा के इस बयान की कनिमोझी ने निंदा की है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है.
कनिमोझी (Kanimozhi) ने ट्वीट किया, ‘केंद्रीय आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा का बयान है कि मंत्रालय के प्रशिक्षण सत्र के दौरान गैर-हिंदी भाषी प्रतिभागी सत्र को छोड़कर जा सकते हैं, उनका यह बयान हिंदी को थोपे जाने जैसा है, यह अत्यंत निंदनीय है.’ उन्होंने कहा, ‘सरकार को आयुष सचिव को निलंबित करना चाहिए और उनके खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करनी चाहिए. गैर-हिंदी बोलने वाले यह रवैया कब तक बर्दाश्त करेंगे?’
कार्ति चिदंबरम ने भी बोला हमला
कनिमोझी के बयान के बाद लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम ने भी इस मामले की कड़ी निंदा की है. चिदंबरम ने कहा कि हिंदी में बोलने की जिद ‘पूरी तरह अस्वीकार्य’ थी. उन्होंने कहा कि आयुष प्रशिक्षण तमिलनाडु प्रतिनिधियों की पूरी तरह से उपेक्षा करता है. अंग्रेजी में नहीं बोलना समझ में आता है, लेकिन ये कहना कि जो लोग हिंदी नहीं जानते वो सेशन छोड़कर जा सकते हैं, ये पूरी तरह से अस्वीकार्य है.क्या था पूरा मामला?
दरअसल, 18 से 20 अगस्त के बीच आयुष और मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान ने योग के मास्टर ट्रेनर्स के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया था. इसमें तमिलनाडु के करीब 33 सरकारी डॉक्टरों ने भाग लिया था. कार्यक्रम में 300 से अधिक प्रतिभागी पहुंचे थे. एक डॉक्टर ने बताया कि कथित रूप से आयुष सचिव ने हिंदी में अपने भाषण की शुरूआत करते हुए कहा, ‘मैं उन लोगों को बधाई देना चाहता हूं, जिन्होंने पिछले दो दिनों में इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए समय दिया. इस दौरान आयुष सचिव ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि आयोजन के दौरान भाषा को लेकर दिक्कत आई. मुझे भी अंग्रेजी पूरी तरह नहीं आती है. ऐसे में नॉन-हिंदी वाले लोग यहां से जा सकते हैं, क्योंकि मैं केवल हिंदी में ही यहां अपनी बात कहूंगा.’
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