बुरहानपुर। बुरहानपुर (Burhanpur) के सातपायरी स्थित एकलव्य आदिवासी छात्रावास में रहकर पढ़ाई करने वाले एक 9वीं क्लास के छात्र ने फांसी लगाकर खुदकुशी (suicide) कर ली। सुबह जब छात्रावास में रहने वाले छात्रों ने कमरे में जाकर देखा फंदे पर लाश लटकी नजर आई जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस को छात्र के शव के पास एक दो पेज का सुसाइड नोट मिला है जिसका हर एक शब्द रुला देने वाला है।
छात्र ने सुसाइड नोट (Suicide note) में अपने पिता को एक मार्मिक पत्र लिखा है जिसमें उसने लव यू पापा संबोधन के साथ स्वीकार किया है कि वह जो भी पढ़ता है, भूल जाता है। इसलिए वह उनके सपने को पूरा नहीं कर पा रहा है। इसलिए मर्जी से आत्महत्या कर रहा है। घटना की सूचना शनिवार सुबह नेपानगर पुलिस को मिली जिसमें नेपानगर के वार्ड क्रमांक 14 में स्थित आदिवासी छात्रावास (tribal hostel) में नाबालिग छात्र के फांसी लगाया जाना बताया गया।
छात्र ने शुक्रवा-शनिवार की रात को फांसी लगाई थी। छात्र धूलकोट (Dhulkot) के उतंम्बी का रहने वाले परिवार का बेटा था और पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर परिजनों को सूचना दी। पुलिस ने परिजनों की मौजूदगी (presence of relatives) में शव को नीचे उतारा और कमरे की तलाशी में एक सुसाइड नोट जप्त किया। नाबालिग छात्र ने सुसाइड नोट में लिखा है कि लिखा है कि उसे भूलने की बीमारी थी जिससे वह जो भी पढ़ता था तो भूल जाता था। इस वजह से वह अपने माता-पिता के सपनों को साकार नहीं कर सकता इसलिए वह आत्महत्या कर रहा है।
उसने सुसाइड नोट लिखने के बाद रात को ही फांसी लगा ली जिसे सुबह अन्य छात्रों ने देखा। छात्र नेपानगर के स्कूल में 9वीं कक्षा मं पढ़ता था। वहीं, मृत छात्र के परिजनों ने आरोप लगाया कि जिस वक्त उनके बेटे ने फांसी लगाई उस वक्त छात्रावास में छात्रावास अधीक्षक (hostel superintendent) या कोई अन्य शिक्षक मौजूद नहीं था। अगर वे मौके पर मौजूद होते तो छात्र को बचाया जा सकता था। नाबालिग छात्र ने आत्महत्या के पहले लिखे सुसाइड नोट में अपने पिता के प्रति प्रेम को प्रदर्शित करते हुए लिखा है कि लव यू पापा। आप जैसा पापा मुझे मिला यह मेरी किस्मत थी। आपका बेटा हमेशा आपका सपना पूरा करने वाला होना चाहिए। मैं कुछ नहीं कर सकता तो किस काम की जिंदगी। पापा मुझे माफ करना, आपका सपना मैं पूरा नहीं सकता हूं। इसी वजह से मैं मर रहा हूं।
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