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    मध्यप्रदेश के इस गांव में 99% युवा बन रहे फौजी!

  • August 15, 2024

    श्योपुर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के श्योपुर जिले (Sheopur district) का एक गांव ऐसा है जहां लोगों के मन में देश भक्ति का ऐसा जुनून है कि, गांव का हर एक युवा (Every youth Village) फौज में भर्ती (wants to join the army) होना चाहता है. हर कोई चाहता है कि, वह फौजी बनकर देश की सरहदों की हिफाजत (Protection of the country’s borders) करे, इसलिए इस गांव का हर एक नौजवान 10वीं क्लास की परीक्षा पास करके 17 साल की उम्र में ही फिजिकल फिटनेस की तैयारी करने लग जाता है. वह 21 साल तक आर्मी, एयरफोर्स और नेवी की भर्ती देखता है.


    ज्यादातर युवाओं का सिलेक्शन तो इसी दौरान हो जाता है लेकिन, किसी वजह से वह आर्मी में भर्ती नहीं हो पाता तो वह इसके बाद दूसरे पैरामिलिट्री फोर्स बीएसएफ, सीआरपीएफ, आइटीबीपी, असम राइफल्स आदि फोर्सो में लगातार भर्ती में शामिल होता रहता है और आखिर में 99 फीसद युवा फौज में भर्ती हो ही जाते हैं, अब अग्निवीर की भर्ती में भी इस गांव के युवा पीछे नहीं हैं.

    श्योपुर जिला मुख्यालय से 110 किलोमीटर दूर की वीरपुर तहसील मुख्यालय के पांचों कॉलोनी गांव का है जहां के युवाओं में फौज की नौकरी का ऐसा चस्का है कि वे फौज में भर्ती होने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देते हैं. गांव के युवा सुबह 4 बजे से 5 किलोमीटर और 2 किलोमीटर की दौड़ की प्रेक्टिस करने लग जाते हैं. वह भी घड़ी में टाइम फिक्स करके ताकि, भर्ती में वह सिर्फ पास ही नहीं हो बल्कि, एक्सीलेंट आकार 60 में से 60 अंक हासिल करें. इसके अलावा ऊंची कूद, लंबी कूद, गोला फेंक, भीम की तैयारी भी प्रोपर करते हैं ताकि, फिजिकल के अंक पूरे के पूरे मिलें. लिखित परीक्षा की तैयारी भी युवा दिल लगाकर करते हैं, इस वजह से ज्यादातर युवा पहली ही भर्ती में सिलेक्ट हो जाते हैं।

    फिजिकल फिटनेस से लेकर लिखित परीक्षा आदि की निशुल्क ट्रेनिंग
    छोटे से इस पांचों कॉलोनी गांव में 1400 के करीब वोटर्स हैं. यहां फौजियों की संख्या भी 60 से ज्यादा है. सेवा निवृत होकर घर लौट आए और सरहद पर या ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए वह अलग हैं. जो सेवा निवृत हो चुके हैं वही रिटायर फौजी इस गांव के युवाओं के मार्गदर्शक बनकर उन्हें फिजिकल फिटनेस से लेकर लिखित परीक्षा आदि की निशुल्क ट्रेनिंग भी देते हैं और फौज की पूरी नौकरी के अनुभव उनसे साझा करते जो उन्हें फौज में भर्ती होने के बाद काम आते हैं. युवाओं का कहना है कि, उनकी पहली इच्छा अगर कुछ हैं तो वह फौजी बनना है।

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