वॉशिंगटन। अमेरिकी में सीडीसी की निदेशक डॉक्टर रोशेल वेलंस्की ने एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि हमारे शोध का प्राथमिक डाटा बताता है कि पिछले छह महीने में जिन लोगों की कोविड से मौत हुई है, उनमें 99.5 फीसदी लोगों को कोरोना की वैक्सीन नहीं लगी हुई थी। गुरुवार को हुई व्हाइट हाउस प्रेस ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने ये बात की।
वेलंस्की ने राज्यों से लिए गए डाटा के मुताबिक, जिसने भी कोरोना वायरस की वजह से अपनी जान गंवाई है, उसको कोरोना की वैक्सीन नहीं लगी हुई थी। बता दें कि अमेरिका में जनवरी से वैक्सीनेशन अभियान शुरू हो गया था। उन्होंने वैक्सीन की महत्ता बताते हुए कहा कि आज के समय में वैक्सीन लेना बेहद जरूरी है क्योंकि यही वैक्सीन कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट पर असरदार है और कोरोना के नए मामलों में डेल्टा प्लस वैरिएंट का 25 फीसदी भागीदारी है। वेलं
स्की का कहना है कि कोरोना की वैक्सीन लेने के बाद से कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़ों में कमी आ सकती है। इसके अलावा एसोसिएटेड प्रेस के ताजा शोध में बताया गया कि मई में कुल मौतों में से 18000 यानी 99.2 फीसदी मौतें उन लोगों की हुई, जिन्होंने कोरोना की वैक्सीन नहीं ली थी।
बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने एलान किया है कि अमेरिका में कोरोना के नए स्ट्रेन के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब, रैपिड रिस्पांस टीम बनाई जाएगी और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। अमेरिका में लॉकडाउन को लेकर लगाई गईं पाबंदियों पर छूट दे दी गई है और इस बीच कई राज्य खुल गए हैं। वहीं अमेरिका में वैक्सीनेशन प्रक्रिया की रफ्तार में कमी आई है। अमेरिका के कई राज्यों में वैक्सीनेशन की दर 70 फीसदी को पार कर गई है लेकिन कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जहां कोरोना वैकसीनेशन अभियान अपने 50 फीसदी के स्तर तक भी नहीं पहुंचा है।
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