इन्दौर (Indore)। शहर के बायपास स्थित टोल प्लाजा पर अब 99 प्रतिशत वाहन चालक फास्टैग से टोल टैक्स चुकाने लगे हैं। शुरुआत में यह 60-70 प्रतिशत के आसपास थी। बायपास के मुख्य टोल प्लाजा की तुलना में मांगलिया टोल प्लाजा पर फास्टैग से टोल टैक्स चुकाने वालों का प्रतिशत जरूर कम है। वहां 90 से 95 प्रतिशत लोग फास्टैग से टोल टैक्स चुका रहे हैं और बाकी नकद राशि दे रहे हैं।
फास्टैग सिस्टम शुरू होने के बाद नकद टोल टैक्स देने वालों को हर जगह दोगुना टोल टैक्स चुकाना पड़ रहा है। बायपास प्लाजा पर चार पहिया वाहनों का तय शुल्क 65, जबकि मांगलिया प्लाजा पर यह शुल्क 20 रुपए है। नकद टैक्स देने वालों के लिए यह राशि दोगुना यानी 130 और 40 रुपए हो जाती है। इसके अलावा हर टोल प्लाजा पर नकद टोल टैक्स देने वालों के लिए एक-एक लेन (आने-जाने वाले वाहनों के लिए अलग-अलग) ही रखी जा रही है, जिससे वहां वाहनों की कतार में लगकर टैक्स देना पड़ता है। इसमें फास्टैग की तुलना में कई गुना ज्यादा समय लगता है।
देशभर में फास्टैग से बचा 2800 करोड़ का ईंधन
एनएचएआई अफसरों ने बताया कि हाल ही में किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि फास्टैग के उपयोग से एक साल में करीब 35 करोड़ लीटर ईंधन की बचत हुई है, जिसकी कीमत लगभग 2800 करोड़ रुपए आंकी गई है। 2022 में 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का टोल टैक्स लोगों ने फास्टैग के जरिए चुकाया। तब तक देश में 6.90 करोड़ फास्टैग जारी किए जा चुके थे। देश के 1200 से ज्यादा टोल प्लाजा पर फास्टैग सुविधा शुरू की जा चुकी है। फास्टैग उपयोग करने वालों को टोल प्लाजा पार करने में 10 सेकंड या इससे कम समय लगता है।
इंदौर के आसपास सभी टोल प्लाजा की स्थिति अच्छी
एनएचएआई इंदौर यूनिट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांजल ने बताया कि इंदौर और आसपास के सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग के मामले में अच्छी स्थिति है। अमूमन सभी प्लाजा पर 99 प्रतिशत टोल कलेक्शन फास्टैग से हो रहा है। इसे बढ़ाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। बायपास और मांगलिया टोल प्लाजा को मिलाकर रोजाना 29 लाख 60 हजार 488 रुपए का टोल एनएचएआई को मिलता है।
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