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    98 हजार मीट्रिक टन गेहूं इंदौर से हो गया निर्यात

  • April 19, 2022

    अब मिस्र की सरकार ने भी पसंद किया स्थानीय गेहूं

    केन्द्र सरकार को गेहूं निर्यात से जो 460 करोड़ का विदेशी राजस्व प्राप्त हुआ उसमें सर्वाधिक हिस्सा इंदौरी गेहूं का

    इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (CM Shivraj) की पहल पर पिछले दिनों मिस्र का एक प्रतिनिधि मंडल गेहूं खरीदी के सिलसिले में इंदौर पहुंचा और कलेक्टर मनीष सिंह (Manish singh) के साथ चर्चा की और इंदौर के गेहूं एक्सपोर्ट्र, मंडी अधिकारियों और कृषि कॉलेज के विशेषज्ञों से भी मुलाकात की। यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के चलते मिस्रवासियों को दूसरे देशों से गेहूं आयात करना पड़ रहा है और अभी जानकारी मिली कि मिस्र की शासकीय उपार्जन संस्था ने भारत के गेहूं के आयात को मान्यता दे दी। यानी इंदौर का गेहूं अब मिस्रवासी खाएंगे। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री का भी कहना है कि गेहूं निर्यात से जो 460 करोड़ रुपए का विदेशी राजस्व प्राप्त हुआ उसमें इंदौर गेहूं का सर्वाधिक रहा और लगभग 98 हजार मैट्रिक टन गेहूं का निर्यात किया गया। कांडला, मुंद्रा, विशाखापट्टनम्, नहावा, शेवा, बांग्लादेश बॉर्डर बंदरगाहों के माध्यम से गेहूं का निर्यात किया गया है। इंदौर के अलावा जबलपुर, उज्जैन, हरदा, छिंदवाड़ा, दतिया का भी गेहूं निर्यात हुआ।


    पिछले दिनों मिस्र से आए तीन सदस्यीय दल ने इंदौर में मालवी गेहूं की गुणवत्ता देखी और मंडी बोर्ड, एक्सपोर्ट्रों और अन्य विशेषज्ञों से भी चर्चा की। मुख्यमंत्री की पहल पर इंदौर पहुंचे प्रतिनिधि मंडल का कलेक्टर मनीष सिंह ने भी स्वागत किया और उनके साथ होटल मैरिएट में चर्चा में वे शामिल रहे और इंदौरी गेहूं, खासकर मालवी गेहूं की खासियतें भी बताई। केन्द्र सरकार ने भी इस बार एक करोड़ टन गेहूं के निर्यात का लक्ष्य रखा है। वहीं मध्यप्रदेश कृषि कर्मण अवॉर्ड लगातार जीतता रहा और यहां का गेहूं दुनियाभर में मशहूर भी है। मालवा का ड्यूरम किस्म का गेहूं पास्ता और ब्रेड बनाने में अच्छा रहता है, जो विदेशियों को पसंद भी है। प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति व उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह के मुताबिक मिस्र यानी ईजिप्ट की शासकीय ऊपार्जन संस्था ने भारत के गेहूं के आयात को मान्यता दे दी है। गुणवत्तापूर्ण गेहूं  की बम्पर पैदावार प्रदेश में हुई है, जिसके चलते अन्य देशों में गेहूं का निर्माण किया जा रहा है। इससे अच्छी-खासी विदेशी राजस्व की प्राप्ति भी हुई है। वर्ष 2021-22 एवं 22-23 में 15 अप्रैल तक 2 लाख 4 हजार 731 मैट्रिक टन गेहूं का विदेशों में निर्यात किया गया, जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा इंदौर का रहा। उसके बाद जबलपुर, उज्जैन, छिंदवाड़ा, हरदा और दतिया से भी बांग्लादेश, इंडोनेशिया, श्रीलंका, यूएई के अलावा वियतनाम को भी गेहूं भेजा गया। अब इंदौर का गेहूं ईजिप्ट भी जाएगा। वहीं इसके अलावा फिलिपींस, जिम्बाब्वे और तंजानिया में भी गेहूं निर्यात की पर्याप्त संभावनाएं मौजूद हैं। मंत्री श्री सिंह के मुताबिक विगत एक माह में मध्यप्रदेश से देश के विभिन्न 8 स्थानों पर गेहूँ के 87 रेक भेजे गए। इनमें गांधी धाम में 17, कांडला में 16, मुंदरा में 08,खारी रोहर में 10, ध्रुब में 09, शिरवा में 08, विशाखापटनम में 09 और काकीनाडा में 10 रैक भेजे गए, जिससे 2 लाख 43 हजार 600 मीट्रिक टन गेहूँ निर्यात किया गया। इसके अलावा 2,116 से 59 लाख 24 हजार 800 मीट्रिक टन गेहूँ भेजा जाना है। उल्लेखनीय है कि मंत्रि-परिषद द्वारा लिए निर्णय के बाद निर्यातकों के पंजीयन हेतु ऑनलाईन पोर्टल प्रारंभ किया गया है। आगामी तीन दिनों में निर्यात डेशबोर्ड भी प्रारंभ हो जाएगा।

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