इंदौर। अभी अग्निबाण ने रुचि सोया के एफपीओ में हुआ एसएमएस घोटाला और उसके आधार पर सेबी द्वारा की गई कार्रवाई का खुलासा किया। किस तरह बाबा रामदेव की पतंजलि ने इंदौर की दिवालिया रुचि सोया को ओने-पौने दामों में खरीदा और हजारों करोड़ की टोपी बैंकों को पहनाई और साथ ही उन्हीं बैंकों से फिर लोन भी हासिल कर लिया। रुचि सोया ने अपने एफपीओ का निर्गम मूल्य 650 रुपए प्रति शेयर तय किया है।
सेबी ने रुचि सोया को नोटिस जारी करते हुए जहां विवादित एसएमएस पर सफाई मांगी, वहीं यह भी स्पष्ट कहा कि निवेशकों को अपनी बोलियां वापस लेने का विकल्प भी देना होगा और बकायदा इसका विज्ञापन जारी करना होगा। अभी रुचि के एफपीओ के विज्ञापन देशभर के सभी प्रमुख समाचार-पत्रों में प्रकाशित हुए, जिसके चलते एसएमएस घोटाले से लेकर कार्पोरेट लूट के समाचारों का प्रकाशन प्रमुखता से मीडिया में नहीं हो पाया।
सेबी की कार्रवाई के बाद एफपीओ निवेशकों ने लगभग 97 लाख बोलियां वापस ले ली, तो रुचि सोया ने 4300 करोड़ रुपए का यह एफपीओ 24 मार्च को खोला था, जो कि तीन गुना से अधिक सब्स्क्राइब हुआ। मगर बोलियां वापस लेने के विकल्प देने के चलते रुचि सोया के शेयर बीएसई में 2.23 फीसदी गिरावट के साथ 955.60 रुपए पर बंद हुए। वहीं निदेशक मंडल ने निर्गम मूल्य 650 रुपए प्रति शेयर तय करने की मंजूरी भी दे दी। हालांकि एफपीओ के जरिए 4300 करोड़ रुपए जुटाने का पतंजलि ने अपना लक्ष्य पूरा कर लिया। 30 मार्च को 3.6 गुना जो सब्स्क्रिप्शन था वह घटकर 3.39 गुना रह गया। ज्यादातर विदेशी निवेशकों ने बोलियां वापस ली।
हालांकि विवादित एसएमएस के बारे में रुचि सोया और पतंजलि की ओर से यह सफाई भी दी गई कि सोशल मीडिया पर कम्पनी की ओर से कोई एसएमएस जारी नहीं किए और कम्पनी ने इस मामले की जांच की मांग करते हुए हरिद्वार में एफआईआर भी दर्ज करवा दी। वहीं 31 मार्च यानी कल बोलियों को वापस लेने की अंतिम तिथि थी। एफपीओ के जरिए कम्पनी ने 4300 करोड़ रुपए जुटाने का जो लक्ष्य रखा था वह लगभग पूरा हो गया। इस राशि से कम्पनी कर्ज चुकाकर उससे भी मुक्त हो जाएगी।
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