इंदौर।करोड़ों के जमीन घोटाले (Land Scam ) में फरार भूमाफिया (Land Mafia ) दीपक मद्दा की पुलिस (police) सरगर्मी से तलाश कर रही है। उधर महाराष्ट्र (Maharashtra )के धूलिया से एसआईटी (SIT )के हत्थे चढ़े उसके साले दीपेश वोरा (जैन) पिता महेन्द्र जैन निवासी सर्वसुविधा नगर कनाडिय़ा ने पूछताछ के दौरान दीपक के बारे में कुछ अहम जानकारी दी है।
कल रात एमआईजी (MIG) थाने में दीपेश से पुलिस ने कड़ी पूछताछ की। उसने कहा कि मेरी कोई गलती नहीं है। सारा कारनामा तो रणवीर सूदन का है। उसने ही सिम्प्लेक्स कंपनी से सांठगांठ कर 96 प्लॉट 2002 में गलत तरीके से बेचे थे, जबकि उन्हें पहले ही प्लॉटधारकों को आवंटित कर दिया गया था। दीपेश के खिलाफ खजराना तथा एमआईजी थाने में 2-2 प्रकरण दर्ज हैं। पूछताछ में उसने बताया कि वर्ष 2007 में वो सिम्प्लेक्स कंपनी का डायरेक्टर था, तब कंपनी ने 4 एकड़ जमीन 4 करोड़ रुपए में खरीदी थी। जांच अधिकारी सुरेन्द्रसिंह ने बताया कि अयोध्यापुरी में देवी अहिल्या गृह निर्माण सहकारी संस्था ने प्लॉटधारकों को प्लॉट आवंटित कर दिए थे, पर बाद में दीपक मद्दा, रणवीर सूदन, विमल लुहाडिय़ा, मुकेश खत्री और अन्य ने प्लॉटों की हेराफेरी की। रणवीर ने मालिक न होते हुए भी फर्जी तरीके से प्लॉट काटे। एसआईटी प्रभारी देवेन्द्र मरकाम का कहना है कि पुलिस को दीपक मद्दा के बारे में उसके साले दीपेश ने कुछ अहम जानकारी दी है, जिसकी तस्दीक की जा रही है। उन्होंने बताया कि जब पुलिस धूलिया के प्रमोद नगर देवपुत्र में दीपेश को पकडऩे गई तो वह घर पर नहीं मिला, बल्कि पत्नी दीपा जैन के साथ पास ही नदी किनारे घूम रहा था। उसने दाढ़ी बढ़ा ली थी और चेहरा भी पूरी तरह छुपा रखा था। पुलिस के पास उसकी पत्नी का भी फोटो था। सादी वर्दी में जवानों ने अपनी गाड़ी दूर खड़ी कर रखी थी और उसकी नंबर प्लेट व गाड़ी में लगी पीली बत्ती भी निकाल ली थी, ताकि किसी को शक न हो। जब एसआईटी टीम ने पत्नी के साथ घूम रहे दीपेश को पकड़ा तो वह घबरा गया और शोर मचाने लगा, जिससे वहां भीड़ जमा हो गई थी, पर पुलिस उसे पकडक़र ले आई। उससे कुछ दस्तावेज भी मिले हैं। फिलहाल वो 3 दिन के रिमांड पर है।
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